मुंबई (एजेंसी)। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कमजोर संकेत से हुई बिकवाली के दबाव में लगभग दो प्रतिशत की गिरावट लेकर पिछले दो सप्ताह की तेजी गंवा चुके सेंसेक्स और निफ्टी की चाल अगले सप्ताह वैश्विक बाजार और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख से तय होगी। बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सप्ताहांत पर 1050.68 अंक की बड़ी गिरावट लेकर 59636.01 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 337.95 अंक लुढ़ककर 17764.80 अंक पर रहा। बीते सप्ताह शुक्रवार को गुरू नानक जयंती पर अवकाश के कारण शेयर बाजार में चार दिन ही कारोबार हुआ।
दुनिया के कुछ विकसित देशों में कोविड-19 के मामले एक बार फिर बढ़े
समीक्षाधीन सप्ताह बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह छोटी और मझौली कंपनियों ने भी बिकवाली की मार झेली। मिडकैप 450.16 अंक टूटकर 25918.62 अंक और स्मॉलकैप 434.3 अंक टूटकर 28798.23 अंक पर आ गया। विश्लेषकों की मानें तो अगले सप्ताह घरेलू शेयर बाजार पर वैश्विक स्तर का काफी प्रभाव रह सकता है। दुनिया के कुछ विकसित देशों में कोविड-19 के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी के 16 स्टेट में बीते गुरुवार से ही कोविड-19 प्रतिबंध लागू कर दिये गये हैं।
तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से बाजार पर प्रभाव देखने की उम्मीद है
आस्ट्रेलिया ने आगामी सोमवार से लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। इससे कुछ अन्य देश के लोगों में भी एक बार फिर से लॉकडाउन का डर सताने लगा है। ऐसे में विदेशी बाजारों की करवट के साथ ही एफआईआई की गतिविधियों का घरेलू बाजार पर असर रहेगा। स्थानीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की घोषणा का बाजार पर प्रभाव दिखने की उम्मीद है। हालांकि अगले सप्ताह इस महीने के अंतिम गुरुवार को मासिक वायदा सौदों का निपटान होना है, जिसका दबाव सेंसेक्स और निफ्टी पर रहेगा।
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