अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन प्रथम का निधन आज ही के दिन हुआ था। वे सर्वसम्मति से अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए थे। वॉशिंगटन का जन्म 22 फरवरी 1732 को वर्जीनिया में वेस्ट मोरलैंड काउंटी में हुआ। 4 जुलाई 1776 को स्वतंत्रता की घोषणा के बाद सेकंड कांटिनेंटल कांग्रेस ने वॉशिंगटन को कांटिनेंटल आर्मी का कमांडर बना दिया। उन्हें गए गुजरे हथियारों से लैस गैर प्रशिक्षित 19,000 सिपाहियों के बूते विलियम होव के नेतृत्व वाले 32,000 प्रशिक्षित और आधुनिक शस्त्रों से लैस ब्रिटिश सैनिकों से लोहा लेना था। वॉशिंगटन ने विद्रोह पर उतारू वेतनहीन रंगरूटों में यह कह कर मनोबल और साहस का संचार किया कि जब तक जीत नहीं होती, वे वेतन की एक पाई भी नहीं लेंगे। लांग आइलैंड में हार से निराश हुए बिना क्रिसमस की रात बर्फीला डेलवेयर नदी पार की और ट्रेंटन और प्रिंसटाउन पर कब्जा कर लिया।
साराटोगा में ब्रिटिशों की पराजय ने नक्शा बदल दिया। 1789 में वॉशिंगटन तनख्वाह के तौर पर अमेरिका के बजट का 2 प्रतिशत लेते थे। मतलब यदि आज की तारीख में जॉर्ज वॉशिंगटन राष्ट्रपति होते तो साल में करीब 12,000 करोड़ रुपए की सैलरी ले रहे होते। इस सैलरी से भी बड़ी बात ये है कि वॉशिंगटन ने इसमें से ज्यादातर शराब और जुए में खो दी थी। हालत यहां तक पहुंची की अपने पहले इनॉग्रेशन में जॉर्ज पैसा उधार लेकर पहुंचे। जब वॉशिंगटन ने शपथ ली थी तो उनका एक दांत बाकी बचा था। खूब तंबाकू खाते थे। इसके अलावा वो डिप्थीरिया, टीबी, चेचक, कब्ज, निमोनिया, कार्बंकल, टॉन्सिल, मलेरिया, एपिग्लॉटिटिस जैसी और कई बीमारियों से ग्रस्त थे। वॉशिंगटन को अमेरिका का सबसे बीमार राष्ट्रपति माना जाता है। 67 साल की उम्र में गले में इंफेक्शन से माउंट वर्टन में उनकी मृत्यु हो गई।
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