मुंबई (एजेंसी)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई देशों को संभावित टैरिफ में छूट दिए जाने के संकेत से हुई लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह आधी फीसदी से अधिक के उछाल पर रहे घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह वैश्विक रुख के साथ ही मार्च में वाहनों की बिक्री एवं पीएमआई आंकड़ों पर नजर रहेगी। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेकस 509.41 अंक अर्थात 0.7 प्रतिशत की तेजी के साथ सप्ताहांत पर 77414.92 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 168.95 अंक यानी 0.72 प्रतिशत की छलांग लगाकर 23519.35 अंक पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का दबाव रहा। इससे मिडकैप 300.45 अंक अर्थात 0.72 प्रतिशत की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 41531.12 अंक और स्मॉलकैप 658.68 अंक यानी 1.4 प्रतिशत लुढ़ककर 46638.13 अंक पर आ गया। विश्लेषकों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष का अंतिम सप्ताह मजबूती से शुरू हुआ लेकिन अमेरिका के आॅटोमोबाइल पर टैरिफ की घोषणा के बाद निवेशकों की धारणा कमजोर पड़ने से यह सपाट बंद हुआ। विदेशी एवं घरेलू संस्थागत निवेशकों से लगातार निवेश के बावजूद, बाजार अपनी रफ्तार बनाए रखने में नाकाम रहा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समीक्षा नीति की आगामी बैठक में संभावित दर कटौती को लेकर बढ़ते आशावाद के कारण बैंकिंग शेयरों ने लचीलापन दिखाया। हालांकि, टैरिफ और उनके संभावित प्रभावों की चिंता के चलते आॅटोमोबाइल और फार्मा क्षेत्रों का प्रदर्शन कमजोर रहा। बढ़ते व्यापारिक तनाव के कारण निवेशकों ने सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख किया, जिससे सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। आने वाले सप्ताह में टैरिफ संबंधी स्पष्टता मिलने की उम्मीद है, जिससे निवेशक उनके वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव का आकलन कर पाएंगे। इसके अलावा बाजार शनिवार तक समाप्त होने वाली भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार बैठक पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। अगले सप्ताह महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतकों में अमेरिकी रोजगार के आंकड़े और भारत का पीएमआई शामिल हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति पर प्रकाश डालेंगे। इस बीच, निवेशकों की नजर मार्च में वाहनों की बिक्री के आंकड़े और कंपनियों के 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष एवं उसकी अंतिम तिमाही के परिणाम पर रहेगी।