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जीआरपी कर्मचारियों ने भाग कर बचाई अपनी जान
हांसी (सच कहूँ न्यूज)। रेलवे स्टेशन स्थित अंग्रेजों के जमाने में बनी एक बैरक का लैंटर व दीवार शनिवार देर रात करीब 2.30 बजे भरभरा गिरा गया। गनीमत रही कि बैरक में सो रहे जीआरपी कर्मियों की लैंटर गिरने से चंद मिनट पहले आंख खुल गई और वे समय रहते बैरक से बाहर निकल गए। बैरक में सो रहे जीआरपी कर्मी हरपाल सिंह ने बताया कि वह साथी कर्मी राजेश के साथ बैरक में सो रहा था कि बैरक की छत के प्लास्टर के गिरने की आवाज से उसकी आंख खुली तो उसने राजेश को जगाया और तुरंत दोनों बैरक से बाहर की और भागे।
हरपाल ने बताया कि जैसे ही वे लोग बैरक के बाहर निकले घर की छत वह एक दीवार भरभरा कर गिर गई और बैरक में रखा उनका तथा अन्य पुलिस कर्मियों का सामान मलबे के नीचे दबने से नष्ट हो गया। पुलिस चौकी प्रभारी भूप सिंह ने बताया कि हांसी जीआरपी चौकी में महिला पुलिस कर्मियों सहित 13 मैंबर का स्टाफ तैनात हैं लेकिन उनके रहने के लिए स्टेशन पर उपयुक्त जगह नहीं है।
16 अप्रैल को लिखा था विभाग को लेटर, नहीं लिया संज्ञान: भूप सिंह
जीआरपी चौकी प्रभारी भूप सिंह ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर बनी यह बैरक अंग्रेजों के जमाने में बनाई गई थी और अब इसकी हालत काफी जर्जर हो चुकी थी। उन्होंने बताया बिल्डिंग की हालत को देखते हुए उन्होंने विभाग को 16 अप्रैल को लेटर लिखा था कि बैरक की हालत काफी जर्जर हो चुकी है और यह कर्मचारियों के रहने के लिए उपयुक्त नहीं है, लिहाजा इस बिल्डिंग की मुरम्मत करवाई जाए या फिर इसे गिरा कर दोबारा से इस का निर्माण करवाया जाए। भूप सिंह ने बताया कि तीन महीने पहले लिखे गए पत्र पर विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया और रात को यह बिल्डिंग भरभरा कर गिर गई।
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