Haryana Assembly separate Land Case: चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के बीच राजधानी चंडीगढ़ का मामला तकनीकी पेंच में फंस गया है, ताजा मामला केंद्र द्वारा हरियाणा को चंडीगढ़ में अलग विधानसभा के लिए जमीन देने का है, हालांकि चंडीगढ़ फिलहाल दोनों राज्यों की राजधानी है। हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों की स्थापना 1 नवंबर 1966 को हुई थी और उस समय से दोनों की राजधानी चंडीगढ़ में रखी गई थी, पंजाब से हिंदी भाषी क्षेत्रों को हटाकर हरियाणा को एक अलग राज्य बनाया गया था, फिर भी यह शहर सामाजिक केंद्र है दोनों राज्यों का एक मजबूत सांस्कृतिक बंधन आधार है। यह एक जिस्म और दो जान वाली बात है, लेकिन जब भी राजधानी या एसवाईएल का मुद्दा उठता है तो राजनीति गरमा जाती है। Haryana Assembly
अब पंजाब ने हरियाणा को विधानसभा के लिए जमीन देने के फैसले का विरोध किया है। राजनीतिक स्थिति भी आश्चर्यजनक है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियां हैं और दोनों ही राज्यों में इन पार्टियों की इकाइयां अपने-अपने राज्य के पक्ष में खड़ी हैं। राजनीतिक स्तर पर इस मसले के सुलझने के आसार कम हैं, क्योंकि ताजा मामला राजधानी के तकनीकी पहलुओं से भी जुड़ा है। कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं जहां या तो कानून काम करता है या परंपरा, लेकिन जिस मुद्दे को लेकर कानून और परंपरा दोनों की मिसाल कम हो तो मामला उलझ जाता है। Haryana Assembly
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