चंडीगढ़ : प्रदेश में महंगी बिजली का मुद्दा गर्माया, वर्करों ने किया जमकर प्रदर्शन

Protest

‘आप’ ने घेरा कैप्टन आवास, पानी की बौछारों से पुलिस ने खदेड़ा | Protest

  • सरकार का ध्यान बिजली दरें बढ़ाने की जगह घटाने पर केंद्रित हो: मान

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब में महंगी बिजली के खिलाफ आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ में सड़कों पर उतर आई। प्रदेश भर से पहुंचे कार्यकर्ता मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का आवास (Protest) घेरने पहुंचे। पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोकने का प्रयास किया, लेकिन आप कार्यकर्ता बेरिकेट्स को फांदते हुए आगे बढ़ते रहे। इस दौरान पुलिस व आप नेताओं के बीच हल्की झड़प भी हुई। आप कार्यकतार्ओं को रोकने के लिए पुलिस को पानी की बौछारें छोड़नी पड़ी।

इससे पूर्व, आप के पंजाब प्रधान सांसद भगवंत मान कह चुके हैं कि हर तरफ महंगाई की मार बर्दाश्त कर रहे लोगों के लिए नाजायज महंगी बिजली बड़ा मुद्दा है परंतु सरकार का सरोकार लोगों के साथ नहीं बल्कि हाई प्रोफाइल बिजली माफिया और निजी थर्मल प्लांटों की लूट के साथ है।  यही कारण है कि एक तरफ बिजली सस्ती करवाने के लिए मोर्चे लगाए जा रहे हैं, दूसरी तरफ पंजाब स्टेट निगम लिमिटेड (पावरकाम) की तरफ से अगले वित्तीय वर्ष 2020 -21 के लिए बिजली की दरों में 12 से 14 प्रतिशत तक ओर बढ़ौतरी करने के लिए मसौदा तैयार करने की रिपोर्टें आ रही हैं। उन्होंने पंजाब सरकार को चेतावनी देते कहा कि पावरकाम बिजली दरें बढ़ाने की जगह घटाने पर केंद्रित हो।

32 हजार 700 करोड़ का बिजली किराया बकाया | Protest

मान ने कहा कि पारवरकाम की तरफ से अगले वित्तीय साल के लिए अपनी वित्तीय जरूरतें 36 हजार 150 करोड़ आंकते हुए मौजूदा बिजली किराया 32 हजार 700 करोड़ बताया है और कम पड़ता फर्क 3450 करोड़ रुपये बिजली दरों में 12 से 14 प्रतिशत इजाफा करके बिजली खप्तकारों (लोगों) की जेबों से पूरा करने की तजवीज दी है। मान ने कहा कि ऐसे लोक विरोधी फैसले किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किये जाएंगे।

कैप्टन पर बर्बाद करने के आरोप | Protest

  • आप के पूर्व पंजाब प्रधान सांसद भगवंत मान ने आरोप लगाए कि यह सब कुछ
    निजी बिजली कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
  • क्योंकि सुखबीर सिंह बादल की तरह अब कैप्टन अमरिन्दर सिंह भी
    बिजली माफिया के साथ पूरी तरह मिल चुके हैं।
  • भगवंत मान ने कहा, ‘जब किसी देश या राज का शासक जनता की परवाह किए बिना
    जायज-नाजायज तरीके से पैसे इकठ्ठा करने लग जाए।
  • तो आम लोगों और राज्य की स्थिति इस तरह दयनीय हो जाती है।
  • जैसे आज पंजाब और पंजाबियों की कर दी गई है।

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