पहले दिन पांच लोग बैठे अनशन पर
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आम आदमी पार्टी व कर्मचारी संगठनों ने दिया समर्थन
सरसा सच कहूँ न्यूज। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद मौलिक शिक्षा निदेशक द्वारा प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में तैनात 1983 पीटीआई को हटाए जाने के बाद शारीरिक शिक्षकों में रोष व्याप्त है। इसके रोष स्वरूप सोमवार को लघु सचिवालय परिसर में जिले भर के शारीरिक शिक्षकों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। वहीं दो महिलाओं सहित पांच शिक्षक अनशन पर बैठे। धरने को आम आदमी पार्टी व कर्मचारी संगठनों ने समर्थन दिया। शारीरिक शिक्षक संघ सरसा जिला प्रधान भूप सिंह ने बताया कि उनकी मांग है कि सरकार अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए इन 1983 पीटीआई को कार्यमुक्त करने के आदेश को वापिस लेकर इन्हें बहाल करे।
उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ हर बार वादा करती है लेकिन बाद में उससे मुकर जाती है। इसी रोष को लेकर उन्होंने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। उसके बाद अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन शुरू किया जायेगा। हटाए गए शिक्षकों ने कहा कि सरकार द्वारा अपनी वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए 10 वर्षों से कार्यरत शारीरिक शिक्षकों की सेवा को बचाए जाने का प्रयास किया जाना चाहिए। सरकार को उनका साथ देना चाहिए।
अध्यापकों के समर्थन में उतरी ‘आप’
आम आदमी पार्टी ने सोमवार को स्थानीय लघु सचिवालय में क्रमिक अनशन पर बैठे पीटीआई अध्यापकों को समर्थन दिया। धरनारत कर्मचारियों को संबोधित करते हुए पार्टी जिलाध्यक्ष विरेंद्र कुमार एडवोकेट ने कहा कि कोरोना आपातकाल में एक ओर तो सरकार निजी कंपनियों को कर्मचारियों को न निकालने का आदेश दे रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार स्वयं सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में 1983 पीटीआई अध्यापकों को निकालने का काम कर रही है। यदि भर्ती प्रक्रिया में कोई खामी थी तो दस वर्ष की सेवा पूरी कर चुके इन अध्यापकों का क्या दोष था। आम आदमी पार्टी सरकार से मांग करती है कि सरकार कोर्ट में इन अध्यापकों का पक्ष रखे और इन्हें पुन: बहाल करे।
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