हड़ताल से रोजाना 4,000 करोड़ की चपत
नई दिल्ली (सच कहूँ)। 20 जुलाई थमे ट्रकोें के पहिओं के कारण जहां टमाटर की दाम आसामन पर पहुंच चुके हैं वहीं इस हड़ताल से रोजाना 20,000 करोड़ का नुकसान भी हो रहा है। जिसमें करीब 4,000 करोड़ रुपये की चपत अकेले ट्रांसपॉर्ट सेक्टर को लग रही है। हड़ताल का असर दिल्ली और कई मेट्रो शहरों में आज से दिखने के आसार हैं। ट्रांसपोटर्स ने कड़े रुख अपनाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि सब्ज़ियों के ट्रक को रोक दिया गया है। सरकार ने अगर उनकी मांगें नहीं मानी, तो आने वाले 2-3 दिनों में सब्ज़ियों की सप्लाई पूरी तरह से ठप कर दी जाएगी।
टमाटर के दाम में सबसे ज्यादा इजाफा
हड़ताल का असर अब दिल्ली में दिखने भी लगा है। दिल्ली की सबसे बड़ी थोक सब्ज़ी मंडी आज़ादपुर में आम दिनों के मुकाबले ट्रकों की संख्या में कमी देखी गई। जानकारों के मुताबिक, पहले जहां हर रोज 1500 तक ट्रक आते थे, वहीं मंगलवार को ट्रकों की संख्या 1000 ट्रक तक रह गई। दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों पर भी आने वाले दिनों में ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल का असर दिख सकता है। वैसे दिल्ली में ट्रकों की हड़ताल की वजह से सब्जियों के दाम बढ़ने शुरू हो गए हैं। टमाटर के दाम में सबसे ज्यादा इजाफा देखने को मिल रहा है, जो 40 से 50 रुपये किलो तक पहुंच गया है।
ये हैं ट्रांसपोर्टरों की मांग
- पेट्रो पदार्थों को जीएसटी में शामिल करने
- पूरे देश में डीजल का दाम एक समान करने
लंबी चल सकती है हड़ताल
हड़ताल के जल्द खत्म होने के संकेत नहीं मिल रहे हैं। इस बारे में दिल्ली गुड्स टांसपोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर के मुताबिक, अभी केंद्र सरकार की ओर से बातचीत की कोई पहल नहीं हुई है। ऐसे में हड़ताल लंबी चल सकती है।
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