जरूरतमंद परिवारों को बांटा राशन
बरनावा (सच कहूं / संदीप दहिया/ सोनू कुमार )। डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार माह के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की साध-संगत ने शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा में नामचर्चा का आयोजन करके सतगुरु जी की महिमा का गुणगान किया। इस दौरान 130 जरूरतमंद परिवारों को एक-एक माह का राशन भी वितरित किया गया। नामचर्चा में उतर प्रदेश एवं उत्तराखंड से लाखों की संख्या में साध-संगत ने शिरकत की।
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पर दृढ़ विश्वास से लबरेज साध-संगत ने पवित्र नारा धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा से आसमां गुंजायमान करके सतगुरु जी को पावन अवतार माह की बधाई दी। इस दौरान साध-संगत ने कोरोना संबंधी नियमों का पूर्णत: पालन करते हुए सेनेटाइज करवाकर आश्रम में प्रवेश कराया गया। प्रात: 11:00 बजे शुरू हुई नामचर्चा करीब डेढ़ बजे तक चली। कविराज भाइयों द्वारा पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार माह से संबंधित भजन साध-संगत को सुनाए गए।
पूज्य गुरु जी के रिकॉर्ड वचन साध-संगत को सुनाए गए
बड़ी-बड़ी स्क्रीन के द्वारा पूज्य गुरु जी के रिकॉर्डिड वचन भी साध-संगत को सुनाए गए, जिसमें पूज्य गुरुजी ने डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन जीवन पर प्रकाश डालते हुए फरमाया कि पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने ऐसा सच्चा सौदा बनाया जिसमे सभी धर्मों के लोग बिना किसी पाखंड के अल्लाह, राम, गॉड का नाम जप सकते हैं। पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को फरमाया की आपको जो हमने 135 मानवता भलाई के कार्यों पर चलने की प्रेरणा दी है, उन पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना है।
नाम का सुमिरन सभी सुखों की खान है, इसे चलते-फिरते, उठते-बैठते करते रहना है। दृढ़ विश्वास रखना है। सभी धर्मों का आदर सत्कार करना है और सभी से प्रेम प्यार बनाकर रखना है। इंसानियत की अलख जगाए रखनी है। पूज्य गुरु ने फरमाया कि काम, क्रोध, मोह लोभ, अहंकार यह इंसान के सबसे बड़े शत्रु हैं, इनसे बचने का एकमात्र उपाय सेवा, सुमिरन और सतगुरु पर दृढ़ विश्वास है। नाम चर्चा के पश्चात लंगर समिति के सेवादारों द्वारा कुछ ही देर में लाखों की संख्या में पहुंची साध-संगत को भोजन-लंगर, प्रसाद खिला दिया गया।
सैकड़ों सेवादार 2 दिन से आश्रम की साफ-सफाई में लगे हुए थे
भंडारे के व्यवस्था में पिछले 2 दिनों से विभिन्न समितियों के हजारों सेवादार अपनी-अपनी सेवाओं में लगन से लगे हुए थे। ट्रैफिक समिति के सैंकड़ों सेवादारों द्वारा श्रद्धालुओं के वाहनों को उचित स्थान पर पंक्तियों में खड़ा कराया गया।
स्पीकर की सेवा व्यवस्था में जुटे सेवादार
- पंडाल में पूज्य गुरुजी के वचन पहुंचने के लिए माइक व स्पीकर की सेवा में 70 सेवादार लगे हुए थे।
संगत को बैठाने की व्यवस्था में लगे सेवादार
अलग-अलग प्रदेशो से आई लाखो की संगत को तरीकेबद्ध बैठाने की सेवा व पंडाल व्यवस्था में 250 भाई और 125 सेवादार बहने जुटी हुई थी।
बिजली की सेवा व्यवस्था
- पंडाल व अन्य स्थानों पर बिजली पहुंचाने की सेवा में 200 सेवादार सेवा कर रहे थे।
लंगर बनाने व खिलाने की सेवा
- नामचर्चा में पहुंची साध-संगत के लिए लंगर बनाने की सेवा में 1000 भाई व 1500 बहनें व लंगर खिलाने में 780 भाई व 900 सेवादार बहनें सेवा कर रही थी।
पानी की सेवा व्यवस्था
संगत को पानी पिलाने के लिए 7 स्थानों पर पानी की छबील लगाई गई थी, जिस पर 200 सेवादार व पानी पिलाने में 480 भाई व 350 बहने सेवा कर रही थी।
कोरोना संबंधी नियमों का किया पालन
- भंडारे पर आई दूर-दराज की संगत को सेनेटाइज के बाद ही शाह सतनाम जी आश्रम में प्रवेश दिया गया। इसे सेवा कार्य में 125 सेवादार सेवा कर रहे थे।
साफ-सफाई रही सुचारू
- डेरे में पंडाल व अन्यत्र स्थानों पर साफ-सफाई की सेवा करने के लिए 375 भाई व 250 बहनें अपनी सेवाएं दे रहे थे।
पार्किंग व्यवस्था
- भंडारे पर आई संगत की गाड़ियों की व्यवस्था के लिए 30 एकड़ में 4 स्थानों पर पार्किंग की सुविधा की गई थी, जिसमें बसें, कैंटर, ट्रक सहित 475 बड़े वाहन व 5425 छोटे वाहन खड़े थे। साथ ही ट्रैफिक समिति के 375 सेवादार ट्रैफिक व्यवस्था को संभाल रहे थे।
130 जरूरतमंदों को राशन वितरण
- पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार माह के 130 जरूरतमंदों को राशन वितरित किया गया, जिसमें एक माह का सूखा राशन, आटा, तेल, मसाले, चाय व नमक वितरित किया गया।
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