कांगडा। डेरा सच्चा सौदा रूहानी स्थापना माह की खुशी में हिमाचल प्रदेश की साध-संगत 24 अप्रैल रविवार को चचियां नगरी स्थित शाह सतनाम जी सचखंड धाम में पावन भंडारा मना रही है। पावन भंडारे की नामचर्चा का समय सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक रखा गया है। नामचर्चा को लेकर साध-संगत में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। वहीं इसके साथ ही राज्य के जिम्मेवार सेवादार पावन भंडारे की तैयारियों में जुट गए हैं। इस अवसर नी पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए मानवता भलाई के 138 कार्यों को नई रफ्तार दी जाएगी। वहीं जिम्मेवार सेवादारों ने कहा कि पावन भंडारे की नामचर्चा में भारी संख्या में पहुंचने वाली साध-संगत की सुविधाओं के मद्देनजर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
29 अप्रैल 1948 को बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने की थी डेरा सच्चा सौदा की स्थापना
बता दें कि डेरा सच्चा सौदा की पहली पातशाही पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने 29 अप्रैल 1948 को डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की थी। आप जी ने लोगों को गुरु मंत्र दे कर मानवता भलाई कार्यो पर चलने का रास्ता बताया। इनके पश्चात दूसरी पातशाही परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने देश के विभिन्न हिस्सों में हजारों सत्संग किये और लाखों लोगों को गुरु मंत्र देकर इंसानियत की राह पर चलाया और अब पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु 138 मानवता भलाई कार्यो में जुटे हुए हैं।
जिनमें 29 अप्रैल 2007 को पूज्य गुरु जी ने रूहानी जाम की शुरूआत कर मर रही इंसानियत को जिंदा करने का बीड़ा उठाया। 138 मानवता भलाई कार्यो में रक्तदान, शरीर दान, गुर्दा दान, पौधारोपण, गरीबों को मकान बनाकर देना, गरीब कन्याओं की शादी करवाना, राशन वितरण, नेत्रदान, लोगों का नशा छुड़वाना, आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का निशुल्क इलाज करवाना, निशक्त जनों को सहारा देने के लिए ट्राई साइकिल देना सहित अनेक कार्य शामिल है।
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