नैनीताल (एजेंसी)। Nainital News: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश परिवहन निगम (रोडवेज) की बसों के लिये आरक्षित 25 मार्गों को निजी वाहन कंपनियों के लिये खोले जाने के सरकार के कदम पर अपनी मुहर लगा दी है। उच्च न्यायालय के इस कदम से रोडवेज को झटका लगा है। मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में आज उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। Nainital News
रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से एक जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि प्रदेश सरकार ने 15 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों के लिये आरक्षित 25 मार्गों को निजी कंपनियों के लिये खोल दिया गया है। इन मार्गों पर निजी वाहनों को परमिट दिये जा रहे हैं। इससे परिवहन निगम की आय पर विपरीत असर पड़ने की आशंका है। यह भी कहा गया कि प्रदेश सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन किया है। सरकार की ओर से रोडवेज का पक्ष नहीं सुना गया है। याचिका में सरकार के इस कदम पर रोक लगाने की मांग की गयी। Nainital News
आज सरकार की ओर से दायर जवाबी हलफनामा में कहा गया कि रोडवेज का पक्ष सुना गया है। उसके बाद ही यह निर्णय लिया गया। कुमाऊं मोटर आनर्स यूनियन (केमू) की ओर से भी हस्तक्षेप करते हुए गया कि रोडवेज के पास पर्याप्त बसें उपलब्ध नहीं हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकांश मार्गों पर निजी कंपनियों की बसें संचालित हो रही है। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सरकार के कदम पर अपनी मुहर लगा दी और जनहित याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दिया है। सरकार के इस कदम से रोडवेज को झटका लगा है। Nainital News
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