आज भी कार्यस्थगन प्रस्ताव सभापति ने किया नामंजूर
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विपक्ष व सरकार में कड़ा गतिरोध बना, कार्यवाही स्थगित
सच कहूँ/अनिल कक्कड़, चंडीगढ़। राज्य सभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन कांग्रेस पार्टी और विपक्ष की तरफ से देश के किसानों के मुद्दे पर अविलम्ब चर्चा के लिये काम रोको प्रस्ताव दिया। मंगलवार को भी प्रस्ताव को राज्य सभा के सभापति ने अस्वीकार किया, जिसको लेकर विपक्ष व सरकार में कड़ा गतिरोध बना। कार्यस्थगन प्रस्ताव खारिज किये जाने पर पूरा विपक्ष एकजुट होकर खड़ा हो गया और जब किसान के हक में विपक्ष ने आवाज उठाई तो संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। हुड्डा ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि सरकार के पास किसान की बात सुनने का समय नहीं है। लेकिन इस सरकार के पास फोन टैपिंग करके अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदियों, ज्यूडीशियरी, मीडिया की बात सुनने का पूरा समय है। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने उनके काम रोको प्रस्ताव का समर्थन करने के लिये पूरे विपक्ष का धन्यवाद किया।
अहंकार में मग्न होने का लगाया आरोप
उन्होंने कहा कि सरकार अहंकार में इतनी मग्न है कि किसानों के मुद्दे पर विपक्ष की तरफ से एक बात भी सुनना नहीं चाहती। सरकार के रवैये से ऐसा लगता है सरकार के कान केवल अपनी तारीफ सुनना चाहते हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार से सवाल किया कि यदि देश के किसान की आवाज उठाने का समय भारत की संसद में नहीं मिलेगा तो क्या जिम्बाबवे की संसद में मिलेगा।
किए तीखे सवाल?
दीपेन्द्र हुड्डा ने सत्तापक्ष द्वारा विपक्ष पर नकारात्मक राजनीति करने के आरोपों का जवाब देते हुए पूछा कि सरकार बताए क्या फोन टैपिंग कराना सकारात्मक राजनीति है? क्या किसान को निशाने पर रखना सकारात्मक राजनीति है? क्या गरीब आदमी को महंगाई की चोट मारना सकारात्मक राजनीति है? उन्होंने कहा कि संसद में वो किसानों के मुद्दे को फिर उठाएंगे और किसान की आवाज किसी कीमत पर कमजोर नहीं पड़ने देंगे न ही दबने देंगे।
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