कालेजों में भी वर्क लोड हुआ कम, सरपल्स हो सकते हैं प्रोफेसर्स!
चंडीगढ़/हिसार (सच कहूँ/डॉ. संदीप सिंहमार)। Haryana News: हरियाणा प्रदेश के कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पदों पर भर्ती का इंतजार कर रहे युवा पहले ही निराश चल रहे थे, अब सरकार ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में भी सभी प्रकार की भर्ती प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। सरकार के इस निर्णय से बेरोजगार युवाओं को जोर का झटका लगा है। हरियाणा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग पंचकुला के आयुक्त एवं सचिव की ओर से जारी हुए पत्र में साफ तौर पर कहा
गया है कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया चाहे जिस भी स्टेज पर चल रही हो उसे अनिश्चित काल तक रोक दिया जाए। इस आदेश के तहत उच्च एवं तकनीकी शिक्षा निदेशालय के दायरे में आने वाले सभी विश्वविद्यालय प्रभावित होंगे ज्ञात रहे की हाल ही में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक, गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र सहित प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रिया जारी है।
एमडीयू में अंतिम चरण में भर्ती पक्रिया की रुकी | Haryana News
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में तो शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है। इसी प्रकार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। इसके आवेदन करने के लिए अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है। भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम दिनों में युवा बेरोजगारों के लिए यह सबसे बड़ी आस थी, जो अब टूट गई है।
कालेजों में उम्मीद से कम हुए दाखिले
इसी प्रकार प्रदेश के हायर एजुकेशन के तहत चलने वाले सरकारी कॉलेज में भी इन दोनों असिस्टेंट प्रोफेसर के विभिन्न विषयों के लिए विज्ञापन आना था, लेकिन अंडरग्रैजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर कॉलेजों में उम्मीद से कम दाखिले होने के कारण फिलहाल इस विज्ञापन को भी अभी जारी नहीं किया गया है। यदि कॉलेजों में निर्धारित सीटों पर दाखिले नहीं हो पाते हैं तो पहले लगे हुए असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व एक्सटेंशन लेक्चरर भी सरप्लस होते दिखाई देंगे।
एक्सटेंशन लेक्चरर पर गिरेगी सबसे पहली गाज!
यदि ऐसा हुआ तो सबसे पहले विभाग की नजर एक्सटेंशन लेक्चरर को हटाने करने की रहेगी। ज्ञात रहे कि 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद प्रदेश के कॉलेज में दाखिला लेने के लिए एक बहुत बड़ी संख्या में विद्यार्थी कॉलेज की तरफ रूख करते थे। लेकिन वैश्विक महामारी कोविड काल के बाद से प्रदेश के कॉलेज में निर्धारित की गई सीटें पूरी करने के लिए भी कॉलेज स्टॉफ को मेहनत करनी पड़ती है। Haryana News
वर्तमान शैक्षणिक सत्र के दौरान तो ऑनलाइन काउंसलिंग खत्म होने के बाद तक 40 फ़ीसदी सीटें भी पूरी नहीं हो पाई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे राजकीय महाविद्यालय में तो स्थिति और भी खराब है। ऐसी स्थिति में हरियाणा सरकार पहले से कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर में ही वर्कलोड के हिसाब से काम चला सकती है।
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