‘समान काम समान वेतन’ पर सरकार का अध्ययन जारी

Anil Vij on
  • प्रदेश के 1.5 लाख कच्चे कर्मचारियों को जल्द मिल सकती है खुशखबरी
  • हरियाणा प्रदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की पालना करने वाला प्रदेश- विज

ChandiGarh, Anil Kakkar: ‘समान काम समान वेतन’ की मांग पर अड़े प्रदेश के करीबन 1.5 लाख कच्चे कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर जल्द आ सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद प्रदेश सरकार इन आदेशों के अध्ययन में लगी है और जल्द ही प्रदेश में ‘समान काम समान वेतन’ लागू होने की संभावना है। इस संभावना पर आज प्रदेश के खेल एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी मोहर लगा दी है। उनका कहना है कि हरियाणा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने वाला राज्य है और इस आदेश की भी पालना की जाएगी। विज अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

कच्चे कर्मचारियों द्वारा ‘समान काम समान वेतन’ की मांग को लेकर 11 दिसंबर को जींद में प्रदेश स्तरीय रैली का ऐलान किया है जो कि प्रदेश सरकार के लिए नई चुनौती खड़ी कर सकती है। हालांकि प्रदेश के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री इसे चुनौती नहीं मानते उनका कहना है कि प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रही है और इस आदेश की पालना अवश्य की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का कोई प्रश्न ही नहीं है।

प्रदेश के कच्चे कर्मचारियों के हक़ में दो-तीन बार मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिख चुके अनिल विज से जब इस बाबत सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी चिट्ठी का असर हो रहा है। वे हमेशा आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों के शोषण के बारे में आवाज़ उठाता रहे हैं। क्योंकि आउटसोर्सिंग में ठेकेदार, अधिकारी मिलकर काफी भ्रष्टाचार करते हैं। तो इसीलिए सरकार ने फैसला किया है कि गु्रप सी-डी की भर्तियां कांट्रैक्ट बेस पर होंगी और जल्दी ही इसका प्रारूप तैयार कर दिया जाएगा। अब आउटसोर्सिंग भर्ती न होकर कांट्रैक्ट बेस पर भर्ती होगी।

सरकार द्वारा डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष किए जाने के फैसले के बाद डायरैक्टर जनरल हैल्थ डॉ. कमला सिंह द्वारा हाईकोर्ट में प्रशासनिक अधिकारियों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष करने की अपील पर विज ने कहा कि डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष करने का फैसला बहुत सोच विचार करने के बाद लिया गया ताकि लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके और अनुभवी डॉक्टर अपनी सेवाएं कुछ साल और दे सकें। वहीं इस फैसले के पीछे सरकार की भावना ज्यादा से ज्यादा डॉक्टरों को क्लीनिकल कार्यांे में लेकर आना था ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके। इसलिए सरकार ने यह भी फैसला किया कि यदि प्रशासनिक पदों पर तैनात डॉक्टर भी रिटायरमेंट के बाद क्लीनिकल जॉब कर सकते हैं।

विज ने कहा कि ‘‘हमनें बहुत सोच समझ कर फैसला किया है परंतु अपनी मांग के लिए किसी को भी कोर्ट जाने का अधिकार है। हम कोर्ट में अपनी बात भी रखेंगे और कोर्ट फैसला करेगी उसे देखेंगे।’’

प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा कैशलेस पॉलिसी पर जोर देने की कवायद पर विज ने कहा कि कहीं से तो शुरूआत करनी होगी। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने आह्वान किया है। आज सभी विकसित देश कैशलेस हो चुके हैं। लेकिन भारत बहुत पीछे है। और कैशलेस होने से समाज में फैली 100 अन्य कुरीतियों का इलाज हो जाएगा। कई प्रकार की टैक्स चोरी, रिकॉर्ड में हेरा-फेरी आदि जैसी बुराइयां समाप्त होंगी।

उन्होंने कहा कि कैश की इस समय दिक्कत है लेकिन देश के लोग प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े हैं और जैसा कि सबने देखा गत दिनों विपक्ष द्वारा बुलाए गए भारत बंद को आम जनता ने बिल्कुल नकार दिया तो इससे साफ होता है कि लोग बदलाव चाहते हैं। और इतने बड़े बदलाव में यदि थोड़ी दिक्कत आ रही है तो लोग घबरा नहीं रहे बल्कि पीएम मोदी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं क्यों कालेधन, भ्रष्टाचार से हर हिंदुस्तानी निज़ात चाहता है।

अदालत के फैसले का इंतजार करें जाट नेता
आरक्षण पर हाईकोर्ट से जल्द राहत ने मिलने की सूरत में जाट नेता यशपाल मलिक द्वारा फिर से प्रदेश में शांतिपूर्वक आंदोलन करने की बात कही गई है इस पर विज ने कहा कि जो उनकी मांग थी वो सरकार ने स्वीकार कर ली थी और अब मामला हाईकोर्ट में है। यदि उनकी कोई शिकायत है तो अदालत के खिलाफ हो सकती है परंतु सरकार के खिलाफ नहीं हो सकती। सरकार भी हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है और उन्हें भी फैसले का इंतजार करना चाहिए। सभी को अदालत के फैसले का सम्मान करना चाहिए।

2.5 करोड़ लोगों को जारी होंगे कम्प्यूट्रीकृत स्वास्थ्य कार्ड
स्वास्थ्य मंत्री विज ने बताया कि हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश के 2.5 करोड़ नागरिकों को कम्प्यूटीकृत स्वास्थ्य कार्ड जारी करने का निर्णय लिया है और सभी लोगों के हैल्थ डाटा को विशिष्टद्द पहचान (यूआईडी) से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्ड की इस अवधारणा के तहत प्रत्येक व्यक्ति के सभी आवश्यक टेस्ट किए जाएंगे और टेस्ट की रिपोर्ट को कम्प्यूटर और स्वास्थ्य कार्ड पर अपलोड किया जाएगा। अस्पताल द्वारा संबंधित व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति के संबंध में प्राथमिक रिपोर्ट दी जाएगी। संबंधित व्यक्ति, यदि चाहे तो, अपने स्वास्थ्य कार्ड का प्रिंट ले सकता है। प्रत्येक व्यक्ति का समस्त सॉफ्ट डाटा केन्द्रीय सर्वर पर संरक्षित किया जाएगा ताकि संबंधित व्यक्ति यूआईडी आधार पर राज्य में किसी भी स्वास्थ्य केन्द्र से यह डाटा प्राप्त कर सके।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने इसलिए स्वास्थ्य कार्ड बनाने के लिए अभिरूचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित की है। अभिरूचि की अभिव्यक्ति के प्रस्ताव 15 दिसम्बर, 2016 तक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय, पंचकूला में जमा करवाने होंगे। विज ने कहा कि मरीज की जांच के उपरांत जांच रिपोर्ट मरीज के विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान संख्या (यूएचआईडी) के साथ स्वत: ही जुड़ जाएगी। मरीज की सभी टेस्ट रिपोर्ट और प्रदान की गई ओपीडी या इनडोर सेवाएं भी यूएचआईडी से जुड़ जाएंगी। जब कभी मरीज दोबारा उसी अस्पताल या किसी अन्य अस्पताल में जाता है तो डॉक्टर मरीज का समस्त रिकार्ड, जिसमें में पुरानी एवं नई जांच शामिल हैं, को देख सकेगा।

राष्ट्रगान पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी करें स्वागत
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रगान पर दिए गए फैसले का विज ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पहले राष्ट्रगान सिनेमा घरों में फिल्म समाप्त होने के बाद दिखाया जाता था तो लोग उठकर चले जाते थे। क्योंकि वे 3 घंटे फिल्म के लिए तो बैठ सकते थे लेकिन 52 सैकिंड के राष्ट्रगानके लिए उनके पास वक्त नहीं था। यह सीधा-सीधा राष्ट्रगान का अपमान था। लेकिन अब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रगान को फिल्म शुरू होने से ठीक पहले बजाने तथा वहां मौजूद दर्शकों को खड़े होकर उसमें हिस्सा लेने का आदेश दिया गया है जो कि स्वागतयोग्य है। अब इसे देश के सभी सिनेमा घरों में लागू किया जाना चाहिए।

देश में साइलेंट मोदी क्रांति का दौर
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक देश एक चुनाव’ के विचार पर सहमति जताते हुए विज ने कहा कि देश में फिलहाल साइलेंट मोदी क्रांति जारी है। पीएम मोदी की कोशिशों तथा जनता के सहयोग से बहुत सी चीजें तेज़ी से बदल रही हैं। देश में खुले में शौच के खिलाफ मूवमेंट चल रही है और यह बड़े स्तर पर जारी है। स्वच्छ भारत अभियान इंप्लीमेंट कर दिया गया है और अब उन्होंने देश की जनता से कैशलेस पॉलिसी अपनाने पर बल दिया है। बहुत से दुनिया के देश कैशलेस पॉलिसी को पहले से ही अपना चुके हैं लेकिन पूर्व की सरकारों ने भारत देश के बारे में जरा सी भी परवाह नहीं की। परंतु अब पीएम मोदी ने चार्ज संभाल लिया है और वे फुल स्पीड से देश में कुरीतियों को समाप्त करने में लगे हैं। इसी के चलते उन्होंने एक देश एक चुनाव का बिगुल बजा दिया है क्योंकि पूरे देश में हर दो-चार महीने बाद कोई न कोई इलैक्शन होते रहते हैं जिससे वहां कोड आॅफ कंडक्ट लग जाता है। बहुत से विकास के कार्य थम जाते हैं। सरकारें अपाहिज सी हो जाती हैं। इससे सरकारों के खजानों पर भारी बोझ पड़ता है तो बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होता है। इसलिए यह निर्णय भी अगर हो जाता है तो यह एक अन्य क्रांतिकारी कदम होगा जो कि देश में से बहुत सी बीमारियों को जड़ से मिटा देगा।