Khizrabad: एफसीए के तहत अनुमति न लेने पर कलेसर वन विभाग ने 9 ढाबों समेत 11 व्यवसायिक संस्थानों को दिया नोटिस

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Yamunanagar News: एफसीए के तहत अनुमति न लेने पर कलेसर वन विभाग ने 9 ढाबों समेत 11 व्यवसायिक संस्थानों को दिया नोटिस

नेशनल पार्क एरिया में बिना अनुमति चल रहे ढाबे, वाइन शापस व अन्य संस्थान

  • एफसीए के अलावा इको सेंसटिव एरिया के नियमों का भी हो रहा है उल्लंघन | Yamunanagar News

खिजराबाद (सच कहूँ/राजेन्द्र कुमार)। Khizrabad News: वन विभाग ने एफसीए के तहत अप्रूवल न लेने पर कलेसर एरिया में 11 के करीब ढाबों व अन्य कर्मिशयल संस्थानों को नोटिस जारी किया है। हांलाकि लंबे समय से यह ढाबे व अन्य संस्थान यहां चल रहे है मगर वन विभाग की नींद कुछ समय पहले ही टूटी है। यही नहीं इको सेंसटिव जोन में चल रही इन कर्मिशयल एक्टिविटी के बारे में वाइल्ड लाइफ इंसपेक्टर ने भी अपनी रिपोर्ट सीनियर आफिशयलस को भेज दी, मगर कार्रवाई के नाम पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है। Yamunanagar News

कलेसर नेशनल पार्क व वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एरिया में लगातार कर्मिशयल इंस्टीटयूशनस खुलते जा रहे है, जिसमें किसी प्रकार की अनुमति लिए बिना यहां पर ढाबे, शराब के ठेके आदि चलाए जा रहे हैं। सबसे पहली अप्रूवल तो फारेस्ट कंर्जेवेशन एक्ट के तहत वन विभाग से लेनी होती है, मगर वन विभाग ने शायद कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसके तहत वन विभाग से रास्ते की अनुमति लेनी होती है, तभी किसी कर्मिशयल एक्टिविटी को किया जा सकता है। ताजेवाला से लेकर कलेसर तक अधिकतर या यूं कहे लगभग सभी ढाबे बिना किसी एफसीए की अप्रवूल के चल रहे हैं। यह पूरा क्षेत्र कलेसर नेशनल पार्क व वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एरिया में आता है। इसके बावजूद वन विभाग ने कभी इनको पूछने की जुर्रत हीं नहीं की कि आखिर बिना अनुमति व कर्मिशयल एक्टिविटी कैसे कर रहे है, अब विभाग ने इन ढाबों व अन्य संस्थानों को नोटिस जारी किए हैं, मगर नोटिस का कोई जवाब भी किसी नहीं दिया है, यानी किसी ने वन विभाग के नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया है। Yamunanagar News

दूसरा यह पूरा क्षेत्र इको सेसंटिव जोन में आता है यहां पर किसी भी प्रकार कर्मिशयल एक्टिविटी के लिए भी परमिशन की जरुरत होती है। ढाबों पर दिन-रात शोर-शराबा चलता है यानी गाड़ियां आती जाती रहती है। यह पूरा क्षेत्र हरियाणा- हिमाचल व उतराखंड के बार्डर पर बसा है। इसलिए डिस्ट्रबेंस वैसे भी अधिक रहती है। मगर विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वाइल्ड लाइफ इंसपेक्टर ने अगस्त 2024 में इस एरिया में चल रही कर्मिशयल एक्टिविटी को लेकर भी एक रिपोर्ट अपने डीएफओ को भेज दी थी, मगर धरातल पर अभी कुछ नहीं हुआ है।

डीएफओ यमुनानगर वीरेंद्र गिल का कहना है कि एफसीए के तहत एक नोटिस ओर जारी करने के बाद अगर कोई कोई एप्लाई नहीं करता है तो इन ढाबों के आगे वन विभाग खाईयां खोद देगा। जहां तक इको सेंसटिव जोन के अंतर्गत कार्रवाई का मैटर है तो इस बारे में वाइल्ड लाइफ विभाग कार्रवाई करेगा। Yamunanagar News

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