प्रदेश के किसानों की पहली मांग है कर्जमाफी
- बातचीत को तैयार, कर्जमाफी से इनकार
चंडीगढ़(अनिल कक्कड़)। प्रदेशभर में धरने-प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत करने के लिए तो प्रदेश सरकार ने हामी भर दी है लेकिन कर्जमाफी से अभी साफ इनकार है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला व उद्योग मंत्री विपुल गोयल साफ कर चुके हैं कि कर्ज माफ किए जाने बाबत अभी सरकार को कोई विचार नहीं है। वहीं प्रदेश सरकार ने अब किसान नेताओं संग वार्ता के लिए 30 जून की तारीख तय की है। यह मीटिंग चंडीगढ़ में आयोजित होगी। बता दें कि प्रदेश भर में किसान विभिन्न यूनियनों के बैनर तले स्वामीनाथ रिपोर्ट लागू करने सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में सरकार बातचीत के जरिए हल निकालने की जुगत में लग गई है।
गत दिवस पंजाब सरकार द्वारा छोटे किसानों के 2 लाख रुपए तक किए गए कर्जा माफी के ऐलान के बाद हरियाणा सरकार भी अब छोटे किसानों के कर्जा माफी का दबाव बनने लगा है। इस बाबत जहां किसान यूनियनें प्रदेश सरकार से मिलने के लिए 30 तारीख को चंडीगढ़ आएंगी तो उनकी पहली मांग कर्जा काफी भी हो सकती है।
भारतीय किसान यूनियन के पहुंचने की संभावना कम
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा जिन किसान यूनियनों को बातचीत के न्यौता भेजा जाएगा उनके भारतीय किसान यूनियन भी शामिल है। लेकिन माना जा रहा है कि भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी फिलहाल बातचीत के लिए तैयार नहीं है। उनका मानना है कि सरकार बिना शर्त उनकी मांगें पूरी करे।
किसानों की कर्ज माफी पर अभी कोई विचार नहीं
वहीं प्रदेश के उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने साफ किया है कि किसान के कर्ज माफी जैसे मामले पर हरियाणा सरकार का अभी कोई विचार नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा जरूरी नहीं है कि पंजाब ने कर्ज माफ कर दिया तो हरियाणा को भी करना है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में स्थितियां बिल्कुल अलग हैं। हरियाणा प्रदेश का किसान खुशहाल एवं प्रदेश सरकार की नीतियों से खुश है। यहां किसान को कोई परेशानी नहीं है।
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