प्रियंका गांधी ने कहा: जब सीतारमण मंदी को स्वीकार ही नहीं कर रहीं, तो इस समस्या को कैसे सुलझा पाएंगी
- वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा था: अर्थव्यवस्था की समस्याओं पर सभी की बात सुनते हैं और उसके हिसाब से कदम उठाते हैं
नई दिल्ली| ग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर तीन दिन में दूसरा ट्वीट किया। इस बार उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक बयान पर जवाब देते हुए कहा कि देश की आर्थिक मंदी पर वित्त मंत्री को राजनीति से नहीं करनी चाहिए। उन्हें राजनीति से ऊपर उठकर जनता से सच बोलना चाहिए। इससे पहले प्रियंका ने 30 अगस्त को दैनिक भास्कर की एक खबर शेयर करते हुए कहा था कि जीडीपी विकास दर से साफ है कि अच्छे दिन का भोंपू बजाने वाली भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था की हालत पंचर कर दी है।
अर्थव्यवस्था में नरमी के सवाल पर सीतारमण ने रविवार को कहा था कि कोई भी व्यक्ति भारतीय अर्थव्यवस्था के किसी भी क्षेत्र से जुड़ी अपनी समस्याओं के साथ हमारे पास आता है तो हम उन्हें सुनते हैं और उसके हिसाब से कदम उठाते हैं। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी देश में अर्थव्यवस्था की हालत बेहद चिंताजनक बताई थी। इस पर सीतारमण ने कहा था, ‘‘मैं कारोबार से जुड़े इनपुट ले रही हूं कि वे सरकार से क्या चाहते हैं। आपकी बात भी सुनूंगी।’’
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सरकार ने खुद ऐसी स्थिति पैदा की: प्रियंका
सीतारमण के बयान पर प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘‘क्या सरकार स्वीकार करती है कि यहां आर्थिक मंदी है या नहीं? वित्त मंत्री को राजनीति से ऊपर उठकर हमारी वर्तमान अर्थव्यवस्था के बारे में देश की जनता से सच बोलने की जरूरत है। वे (सीतारमण) इस बात (मंदी) को स्वीकार करने के लिए भी तैयार नहीं हैं, तो इस बड़ी समस्या को कैसे सुलझा पाएंगी जो उन्होंने खुद पैदा की है।’’
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‘नोटबंदी-जीएसटी जैसे फैसलों की वजह से नुकसान हुआ’
मनमोहन सिंह ने कहा था कि मोदी सरकार का हर स्तर पर कुप्रबंधन इसके लिए जिम्मेदार है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ, हम उससे नहीं उबर पाए हैं। पिछली तिमाही में विकास दर का 5% होना, यह बताता है कि अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जा रही है। भारत में तेज गति से विकास करने की क्षमता है। हमारा देश लगातार अर्थव्यवस्था के स्लोडाउन का जोखिम नहीं उठा सकता। इसलिए, मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वह बदले की राजनीति को छोड़े और इस संकट से बाहर निकालने के लिए ठोस कदम उठाए।