मुजफ्फर नगर (सच कहूं/रविंद्र सिंह)। केंद्र सरकार जब तीन कृषि कानून लेकर आई तो समूचे देश के किसानों ने एकजुट होकर इन तीनों काले कानून का विरोध किया। जिन्हें लेकर दिल्ली के चारों तरफ किसानों ने बोर्डेरा को घेर लिया और तेरह माह तक इन कानून के विरोध में आंदोलन किया। जिसके चलते केंद्र सरकार ने तीनों काले कानूनों को वापस ले लिया। यह बातें भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कही।उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल देश की सभी जत्थेबंदियों ने अहम भूमिका निभाई, तब जाकर नस्ल और फसल बचाने की यह लड़ाई जीती गई।
उन्होंने कहा कि यह हम सब की लड़ाई है, क्योंकि हम सब किसानों के मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं । केंद्र सरकार ने एमएसपी को गारंटी कानून का दर्जा नहीं दिया है। एमएसपी पर गारंटी कानून आदि सभी मुद्दों को लेकर देश का किसान आज भी आंदोलन कर रहा है। पिछले आठ माह से भी अधिक समय से किसान सभी मांगों को लेकर शंभू व खनोरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल लगभग पिछले पंद्रह दिन से आमरण अनशन पर हैं । उनके स्वास्थ्य को लेकर हम सभी बेहद चिंतित हैं। क्योंकि यह उनकी अकेले की लड़ाई नहीं है । उन्होंने कहा कि हम कल दोपहर एक बजे खनोरी बॉर्डर पहुंचकर, उनसे मुलाकात करेंगे। इस दौरान हमारे साथ में पंजाब से भारतीय किसान यूनियन लाखोवाल से हरेंद्र सिंह लाखोवाल और हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान सिंह सहित अन्य जत्थेबंदियों के किसान नेता भी शामिल रहेंगे। कहा कि केंद्र सरकार किसानों को बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर न करें।