चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब में मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच मचे घमासान रूकने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों की आपस में खींचतान और तेजी से आगे बढ़ रही है। इस बीच मुख्यमंत्री कैप्टन ने भी अब सख्त तेवर अपना लिए हैं और वह सिद्धू को लेकर एक्शन मुड में आ गए है। अब पंजाब से खबर है कि मुख्यमंत्री जल्द ही सिद्धू समर्थक कांग्रेस विधायकों के खिलाफ कड़ा एक्शन ले सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दर्शन बराड़ पर आरोप है कि उन्होंने होशियरपुर में सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से क्रैशन लगाकर अवैध खनन करके करोड़ों रुपये का चूना लगया है।
इस मामले में बराड़ को खनन विभाग ने नोटिस भी भेजा था और उन पर 1.65 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि बराड़ ने कैप्टन पर इस जुर्माने को वापस लेने के लिए दबाव बनाया था और वह चाहते थे कि नोटिस भी वापस ले लिया जाए। मगर जब मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया तो दर्शन बराड़ खुलकर नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थन में आ गए। गौरतलब हैं कि माना जा रहा है कि एक बार फिर से मुख्यमंत्री बराड़ से जुड़ी केस की फाइल को खोल सकते हैं। खबरों के अनुसार, आने वाले दिनों में बराड़ पर कानूनी एक्शन लिया जा सकता है।
कल सिद्धू ने अमृतसर में दिखाया था ‘पावर शो’, 62 विधायकों संग दरबार साहिब में टेका था माथा
पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कल 62 विधायकों सहित श्री दरबार साहिब में माथा टेका। इससे पूर्व उन्होंने अपने निवास पर राज्य के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के अलावा बड़ी संख्या में विधायकों के साथ बैठक कर राज्य की राजनीति पर चर्चा की। दो बसों में आए करीब 62 से अधिक विधायक इस बैठक में शामिल हुए।
सुबह सिद्धू की कोठी पर पहुंचे विधायकों में हरमिंदर गिल, सुनील दत्ती, सुरजीत धीमान, राजा बड़िंग, सुखजीत रंधावा, हरजोत कमाल, दविंदर घुबाया, प्रीतम कोटभाई, परमिंदर पिंकी, बरिंदरजीत पहरा, सुखविंदर डैनी, तृप्त राजिंदर बाजवा, अंगद सैनी, शेर सिंह घुबाया, संगत गिलजियां, परगट सिंह आदि शामिल हैं।
पंजाब में खींचतान जारी : सिद्धू का ‘पावर शो’, 62 विधायकों संग दरबार साहिब में टेका माथा
हाईकमान का फैसला सर्वमान्य
बैठक के बाद पंजाब के सहकारिता एवं जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो भी नेता, मंत्री और विधायक पार्टी हाईकमान का आदेश नहीं मानता, तो यह सीधे तौर पर अनुशासनहीनता है। उन्होंने कहा कि यदि कैप्टन अमरिन्दर सिंह माफी मंगवाना चाहते थे तो सिद्धू के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने से पहले अपनी बात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के समक्ष रखते। प्रताप सिंह बाजवा जब प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बने थे, तब वह कैप्टन के साथ थे, लेकिन हाईकमान के फैसले के बाद बाजवा के विरोधी होने के बावजूद हमने अपने क्षेत्र में उनकी रैली करवाई थी। हाईकमान का फैसला सर्वमान्य है।
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