कोरोना की रोकथाम को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना महामारी के भीषण प्रकोप के बीच कोरोना वायरस के वैरिएंट का पता लगाने के लिए गठित फोरम से देश के मशहूर विषाणु विज्ञानी शाहिद जमील ने इस्तीफा दे दिया। वैज्ञानिकों के सलाहकार समूह फोरम सदस्य जमील ने कोरोना महामारी को लेकर सरकारी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। जमील ने अपने इस्तीफे की बात स्वीकारते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में और ज्यादा कुछ नहीं कहना है।
कुछ ऐसी भी खबरें सामने आई हैं कि इस वैज्ञानिक समूह फोरम ने केन्द्र सरकार को मार्च माह में ही सतर्क रहने की सलाह दी थी। साथ ही आगाह किया था कि कोरोना के नए और अधिक संक्रमण फैलाने वाले वैरिएंट आने वाले समय में बड़ी तबाही मचा सकते हैं। गौरतलब है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए इसके वैरिएंट बी.1.617 को कारण माना जा रहा है।
ये भी एक चिंताजनक पहलू है कि अब जब देश में रोजाना 4 हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं, ऐसे वक्त में एक मशहूर वायरोलॉजिस्ट का इस्तीफा देना किसी झटके से कम नहीं है, क्योंकि इस वक्त हमें इनके सहयोग की सबसे ज्यादा जरूरत है और कोरोना का आगामी स्वरूप क्या हो सकता है, इसके बारे में आमजन कुछ नहीं जानता। दूसरी ओर सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज विपक्ष भी उसे बार-बार घेर रहा है, लेकिन सरकार अपनी खामी को मानती नहीं दिख रही है। दूसरी ओर ये भी पहली बार हुआ है कि कोरोना के खिलाफ जंग में सरकार के सहयोगी ने ही उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। शाहिद जमील ने तो यहां तक कहा कि चेतावनी दिए जाने के बावजूद सरकारी एजेंसियों ने भी साक्ष्यों पर ध्यान नहीं दिया।