डेरा अनुयायी परम्पराओं को पर्यावरण  संरक्षण से जोड़कर दे रहे हरियाली की सौगात

Meaningful-Initiative

सार्थक पहल। सचखंडवासी सोना देवी की अस्थियों पर परिवार ने लगाया बरगद का पेड़

(Meaningful Initiative in Dera Sacha Sauda)

  • ब्लॉक रामपुरथेड़ी-चक्कां में दूसरी बार हुआ अस्थियों पर पौधारोपण

सच कहूँ/सुनील कुमार खारियां। देशभर में लॉकडाउन के चलते जहाँ दैनिक जीवन के कार्य तो रूके हुए हैं ही,साथ में जो जीवन पूरा कर इस लोक से जा चुके हैं उनके अंतिम कार्य भी रूके हुए हैं यानि शमशान घाटों में हजारों हजार मृतकों की अस्थियां प्रवाहित होने का इंतजार कर रही हैं। लेकिन दूसरी ओर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी है जो पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की शिक्षाओं पर चलते हुए अपनों के सचखंड विराजने पर उन मानव अस्थियों पर पौधा रोपित कर पर्यावरण संरक्षण की अद्भुत ऐतिहासिक इबारत लिख रहे हैं।

समाजसेवी संस्थाओं व गांव के गणमान्यजनों ने  की  सराहना

इससे जहां एक तरफ मानव अस्थियां नदियों, नहरों में प्रवाहित करने से होने वाले जल प्रदूषण में कमी आएगी तो वहीं अस्थियों पर पौधारोपण करने से वातावरण भी शुद्ध होगा। बुधवार को डेरा सच्चा सौदा की ‘अस्थियों से परोपकार’ मुहिम को आगे बढ़ाते हुए ब्लॉक रामपुरथेड़ी-चक्कां के ब्लॉक भंगीदास केहरवाला निवासी राजाराम सोनी इन्सां ने अपनी सचखंडवासी माता सोना देवी की अस्थियों पर शमशान भूमि में बरगद का पेड़ लगाकर समाज को प्रकृति सेवा का संदेश दिया। उनके इस कार्य की ग्राम पंचायत, समाजसेवी संस्थाओं व गांव के गणमान्यजनों ने काफी सराहना की तथा इस मुहिम को गांव में एक नई पहल बताया।

परिवार बोला, पूज्य गुरु जी से मिली शिक्षा

सचखंडवासी के पुत्र एवं ब्लॉक भंगीदास राजाराम सोनी इन्सां से अस्थी विसर्जन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जल प्रदूषण व पैसे की बबार्दी न कर अस्थियों को मिट्टी में दबाकर उन पर पौधा लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि परिजनों की सहमती से गांव की शमशान भूमि में बरगद का पेड़ लगाकर इन्सानियत का फर्ज अदा किया है।

उन्होंने कहा कि मांवां ठंडियां छांवां होती है जो हमें नाजों से पालती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हम उनकी याद में एक-एक पेड़ लगाएं ताकि उनके यहां ना होने पर भी वो ठंडियां छावां मिलती रहे। उन्होंने कहा कि इन कार्यों की शिक्षा उन्हें पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से मिली है। इस अवसर पर ब्लॉक भंगीदास राजाराम इन्सां, पृथ्वी राज, राजेन्द्र कुमार, रणजीत सिंह (पुत्र), मदन लाल, शान्ति इन्सां, रोशनी इन्सां, बाधो देवी, बिमला देवी (पुत्रियां) व परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे।

शमशान भूमि में बरगद का पेड़ लगाकर इन्सानियत का फर्ज अदा किया है

सचखंडवासी के पुत्र एवं ब्लॉक भंगीदास राजाराम सोनी इन्सां से अस्थी विसर्जन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जल प्रदूषण व पैसे की बबार्दी न कर अस्थियों को मिट्टी में दबाकर उन पर पौधा लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि परिजनों की सहमती से गांव की शमशान भूमि में बरगद का पेड़ लगाकर इन्सानियत का फर्ज अदा किया है।

उन्होंने कहा कि मांवां ठंडियां छांवां होती है जो हमें नाजों से पालती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हम उनकी याद में एक-एक पेड़ लगाएं ताकि उनके यहां ना होने पर भी वो ठंडियां छावां मिलती रहे। उन्होंने कहा कि इन कार्यों की शिक्षा उन्हें पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से मिली है। इस अवसर पर ब्लॉक भंगीदास राजाराम इन्सां, पृथ्वी राज, राजेन्द्र कुमार, रणजीत सिंह (पुत्र), मदन लाल, शान्ति इन्सां, रोशनी इन्सां, बाधो देवी, बिमला देवी (पुत्रियां) व परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे।

डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई के कार्य बहुत ही प्रशंसा योग्य है। इन कार्यो की बदौलत समाज में महिलाओं को पुरुषों के सामान अधिकार मिले है। बेटा-बेटी एक सम्मान रीत अनुसार ही उन्हें उनकी दादी सास की अर्थी को कंधा देने का मौका मिला, नहीं तो पहले ये हक केवल पुरूषों को ही नसीब होता था।
-मंजू इन्सां (पौत्रवधु)।

समाज को एक अच्छा संदेश मिलेगा

गांव की शमशान भूमि में डेरा श्रद्धालु राजाराम सोनी इन्सां द्वारा अपनी माता की अस्थियों पर पौधा रोपण कर गाँव में नई रीत शुरू की है। यह बहुत ही सराहनीय है। जिससे ना केवल पर्यावरण में स्वच्छता आएगी बल्कि समाज को एक अच्छा संदेश मिलेगा व इन्सान की अस्थियां इधर-उधर नहीं बिखरेगी।
-औमप्रकाश केहरवाला, पूर्व चेयरमैन।

मानव अस्थियों पर पौधारोपण करना सराहनीय

धन्यवाद योग्य है डेरा सच्चा सौदा व इसके श्रद्धालु जो हमेशा से समाज व इन्सानियत के साथ खड़े रहते हैं। चाहे फिर वो संकट की घड़ी हो या समाज सुधार की। इनके द्वारा किए जा रहे मानवता भलाई के कार्य समाज व आम इन्सान के लिए हमेशा प्रेरणा स्त्रोत होते हैं। ग्रामीण आँचल में ये सब देखकर बहुत अच्छा लगा जब माँ की अर्थी को लड़कियों ने कंधा दिया, मानव अस्थियों पर पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया, समाज में व्याप्त अंधविश्वास और आडंबरों को छोड़कर एक शिक्षित समाज के निर्माण में नि:स्वार्थ भूमिका अदा करना।
-सुभाष सिंगाठिया, समाजसेवी।

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