‘खुली चुनौती’ – CM व पूरा मंत्रीमंडल मिलकर भी पुलिस कॉन्सटेबल का पेपर हल नहीं कर सकते
- रणदीप सिंह सुरजेवाला, महासचिव व मुख्य प्रवक्ता, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का बयान
- ‘हरियाणा भर्ती सेल काउंटर’ (HSSC) की परीक्षा पद्धति की ‘ढोल की पोल’ खुली
- हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन को ‘बर्खास्त’ करना ही एकमात्र विकल्प
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। हरियाणा दिवस के मौके पूर्व मंत्री व कांग्रेस के सीनियर लीडर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मनोहर लाल खट्टर की सरकार पर सवाल खड़े कर दिए है l रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बिना खर्ची बिना पर्ची की बात करते है जबकि हरियाणा में तो पेपर में लाखों रुपये की खर्ची कर, पास होने की पर्ची के अनुसार काम चल रहा है।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि खट्टर सरकार व एचएसएससी ने एक बार फिर हरियाणा के युवाओं के गुण, काबिलियत व क्षमता का भद्दा मजाक उड़ाया है। भाजपा के पिछलग्गुओं से गठित ‘हरियाणा कर्मचारी भर्ती आयोग’ ने पूरी परीक्षा प्रणाली, पेपर बनाने का सलीका व किसी पद की योग्यता के प्रति इम्तिहान लेने के तौर-तरीके का ही पूरी तरह से सत्यानाश कर युवाओं के भविष्य पर ग्रहण लगा दिया है। इनके ढोल की पोल पूरी तरह से खुल चुकी है। उन्होंने कहा कि पूरा हरियाणा जानता है कि ‘‘पेपर में लाखों रुपये की खर्ची कर, पास होने की पर्ची’’ हरियाणा में सरकारी नौकरी पाने का एकमात्र तरीका बन गया है।
तीस से अधिक अलग-अलग नौकरियों के पेपर खुलेआम बिक चुके हैं। अलग-अलग तरीके अपनाकर युवाओं की जिंदगियों से खिलवाड़ किया जा रहा है। हाल में ही जब हमने पुलिस सबइंस्पेक्टर (पुरुष) के 450 पदों में तीन परीक्षा सेंटरों में गड़बड़झाला उजागर किया, तो पेपर कैंसल करने बजाय उन तीन सेंटरों के लगभग 550 परीक्षार्थियों का पेपर दोबारा लिया गया। कमाल यह है कि उनमें से 43 सबइंस्पेक्टर सलेक्ट हो गए। कारण का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि फर्जी नौकरी भर्ती के रैकेट के घोटाले का एक और बड़ा पहलू भी उजागर हुआ। चहेतों को पैसे लेकर रोजगार लेने वाले व्यक्ति अपनी उत्तर पुस्तिकाएं (OMR Sheet)खाली छोड़ देते हैं, ताकि बाद में सही जवाब मार्क किए जा सकें। सार्वजनिक पटल पर यह सामने आया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं के पिछले तीन माह में 580 उत्तर पुस्तिकाएं (OMR Sheet) खाली मिलीं। इस बारे समाचार पत्र में छपी एक खबर संलग्नक A1 है।
अब ताजा मामला 5,500 पुलिस कॉन्सटेबल (पुरुष) की भर्ती का है, जिसमें 8,39,000 युवाओं ने आवेदन दिया है तथा जिसके पेपर सुबह व शाम की शिफ्ट में लगातार तीन दिन यानि 31 अक्टूबर, 01 नवंबर, 2 नवंबर 2021 को हो रहे हैं। एक बार फिर हरियाणा के युवाओं के भविष्य की बोली लग रही है। ताजा षडयंत्र यह है कि पुरुष पुलिस कॉन्सटेबल की भर्ती के लिए IAS व IPS से भी ज्यादा मुश्किल सवाल पूछो, ताकि साधारण युवा फेल हो जाए व OMR Sheet को बाद में भरवाकर ‘‘सेटिंगडॉटकॉम’’ से भर्ती की जा सके।
खट्टर सरकार तथा HSSC युवाओं के गुण व दक्षता का इम्तिहान लेने की बजाय उनका भद्दा मजाक उड़ा रही है। यह एक षडयंत्रकारी तरीका है ताकि पुलिस कॉन्सटेबल के लिए योग्य युवाओं को चयन प्रक्रिया से बाहर किया जा सके व चहेतों को चोर दरवाजे से अंदर। ऐसे HSSC को एक क्षण भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं तथा उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। भाजपा जजपा सरकार की युवा विरोधी दुर्भावना की भी जाँच होनी चाहिए।
रणदीप सिंह सुरजेवाला की तरफ से उठाये गए सवाल
- एक नहीं, आठ पेपर! अलग-अलग सेंटर में अलग-अलग पेपर!!
31 अक्टूबर को सुबह व शाम हुई पुलिस कॉन्सटेबल की परीक्षा में परीक्षार्थियों को एक नहीं अलग-अलग आठ पेपर दिए गए, चार अलग-अलग पेपर सुबह की परीक्षा में व चार अलग-अलग पेपर शाम की परीक्षा में। इन आठ पेपर की कॉपियां संलग्नक A2 से संलग्नक A9 हैं। एक ही दिन में एक ही पद के लिए आठ अलग-अलग पेपर के आधार पर पुलिस कॉन्सटेबल परीक्षार्थियों की योग्यता कैसे जाँची जा सकती है?
भर्ती पुलिस कॉन्सटेबल की, सवाल ऐसे कि CM, DGP और IPS भी जवाब न दे सकें!
HSSC ने पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती के इश्तिहार में साफ तौर से लिखा कि लिखित परीक्षा में सवालों का मापदंड 12वीं पास विद्यार्थी की योग्यता के अनुरूप होगा। विज्ञापन के इस हिस्से की कॉपी संलग्नक A10 है। पर अगर पुरुष कॉन्सटेबल परीक्षा के 31 अक्टूबर को हुए 8 पेपरों (A2 से A9) का अवलोकन करें, तो आप पाएंगे कि न तो कोई पत्रकार, न डीजीपी, न आईपीएस अधिकारी और न ही मुख्यमंत्री या गृहमंत्री इस पेपर में पूछे सवालों का जवाब दे सकते।
हरियाणा के युवाओं की ओर से चुनौती है कि मुख्यमंत्री और उनका पूरा मंत्रीमंडल मिलकर पुरुष कॉन्सटेबल की परीक्षा में 33 प्रतिशत नंबर लाकर दिखाएं? सच यह है कि वो पूरी तरह से फेल हो जाएंगे। निमंत्रण है, हरियाणा के DGP, Additional DGP व IG level के अधिकारियों को कि वो प्रेस के मित्रों की निगरानी में इन पेपरों को हल करके दिखाएं। सच है कि वो सब भी फेल हो जाएंगे। तो फिर यह युवाओं से भद्दा मजाक नहीं तो क्या है?
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