जिले के 72 स्कूलों में अलग-अलग वोकेशनल कोर्स कराएं जा रहे हैं।
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मूर्त रूप देने के लिए नौवीं से बारहवीं के बाद अब छठी से आठवीं के विद्यार्थियों को भी व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) से जोड़ने की शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इसी के मद्देनजर जिन स्कूलों में वोकेशनल एजुकेशन की पढ़ाई कराई जा रही है, वहां प्री-वोकेशनल एक्सपोजर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत छठी से आठवीं कक्षा के बच्चे इंटर्नशिप/फील्ड विजिट करेंगे। दस दिवसीय इंटर्नशिप/फील्ड विजिट कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से 22 जिलों के 1185 स्कूलों के लिए एक करोड़ 77 लाख 75 हजार की राशि जारी की गई है।
बात यदि सरसा जिला की करें तो यहां के 72 स्कूलों के लिए 10 लाख 80 हजार रुपए जारी किए गए हैं। दरअसल छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए व्यावसायिक शिक्षा के संपर्क में आने से उन्हें इससे जुड़ने में मदद मिलती है। विज्ञान, भाषा, सामाजिक विज्ञान आदि जैसे अन्य विषयों के साथ कौशल-आधारित गतिविधियां भी छात्रों को कौशल की बुनियादी आवश्यकताओं को प्राप्त करने के अवसर प्रदान करती हैं।
स्कूल प्रधानाचार्य होंगे कार्यक्रम समन्वयक
स्कूल के प्रमुख होने के नाते प्रधानाचार्य कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक होंगे तथा यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि कक्षा 6वीं से 8वीं तक के सभी छात्रों को प्री-वोकेशनल के लिए अधिकतम एक्सपोजर मिले और संबंधित गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए भौतिक सुविधाएं/संसाधन भी प्रदान करें। यह दस दिवसीय कार्यक्रम बैग लैस होंगे। यानी विद्यार्थी बिना बैग के कार्यक्रम में भाग लेंगे।
प्रति स्कूल जारी किया गया है बजट
प्री-वोकेशनल एक्सपोजर कार्यक्रम के तहत हो रही इंटर्नशिप/फील्ड विजिट के लिए प्रत्येक स्कूल को प्रति दिन के लिए 1200 रुपए की राशि जारी की गई है। यानि दस दिन के लिए 12 हजार की राशि एक स्कूल को दी गई है। इसी प्रकार एक स्कूल को स्टेशनरी आदि खरीदने के लिए प्रति स्कूल को 3 हजार रुपए का बजट दिया गया है। इस प्रकार प्री-वोकेशनल एक्सपोजर कार्यक्रम के तहत एक स्कूल को 15 हजार की राशि दी गई हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में वोकेशनल एजुकेशन को बढ़ावा दिया गया है। इसी के तहत अब छठी से आठवीं कक्षा को भी वोकेशनल एजुकेशन से जोड?े के लिए पहल की गई है। जिसके तहत प्रदेशभर के 1185 वोकेशनल एजुकेशन वाले स्कूलों में दस दिवसीय इंटर्नशिप/फील्ड विजिट कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें बच्चों को वोकेशनल एजुकेशन के बारे में धरातलीय शिक्षा मिलेगी।
– ईशान मोहम्मद, राज्य कोआॅर्डिनेटर, एनएसक्यूएफ।
अब छठी से आठवीं के विद्यार्थियों को भी व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) से जोड़ने तैयारी की जा रही है। इसके तहत प्री-वोकेशनल एक्सपोजर कार्यक्रम के तहत इंटर्नशिप/फील्ड विजिट कराई जा रही है। जिसमें छठी से आठवीं के उन बच्चों को शामिल किया गया है, जहां पहले से नौवीं से बारहवीं कक्षा में वोकेशनल शिक्षा दी जा रही है। जिले के 72 स्कूलों में अलग-अलग वोकेशनल कोर्स कराएं जा रहे हैं।
– नरेंद्र सिंह शम्मी, सहायक जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा अभियान सरसा।
बच्चों को पढ़ाई के दौरान ही रोजगार के लिए परिपक्व बनाने की दिशा में वोकेशनल एजुकेशन महत्ती भूमिका निभा रहा हैं। अब छठी से आठवीं के विद्यार्थियों को भी वोकेशनल एजुकेशन से जोड़ने के लिए इंटर्नशिप/फील्ड विजिट कार्यक्रम करवाया जा रहा है। जो शिक्षा विभाग का एक अच्छा प्रयास है। इस कार्यक्रम में बच्चों को बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।
– सहीराम चाहर, जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा अभियान सरसा।
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