साध-संगत ने नामचर्चा कर दी भावभीनी श्रद्धांजलि | Sirsa News
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। शहर के गोलछा पैलेस में रविवार को ब्लॉक कल्याण नगर निवासी देहदानी व नेत्रदानी बलदेव सिंह इन्सां के निमित श्रद्धांजलि नामचर्चा संपन्न हुई। नामचर्चा की समाप्ति पर ब्लॉक कल्याण नगर की ओर से सचखंडवासी के परिवारिक सदस्यों को देहदान व नेत्रदान के महायज्ञ में आहुति डालने के लिए स्मृति चिन्ह देकर उनका हौसला बढ़ाया। नामचर्चा में परिवारजनों के अलावा 85 मैंबर सेवादार बहन-भाई, डेरा सच्चा सौदा के सेवादार तथा ब्लॉक कल्याण नगर, सरसा, शाह सतनाम जी नगर, शाह सतनाम जी पुरा सहित आस-पास के अन्य ब्लॉकों की साध-संगत ने शामिल होकर सचखंडवासी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
श्रद्धांजलि नामचर्चा का शुभारंभ ब्लॉक कल्याण नगर के प्रीत नगर जोन से प्रेमी सेवक किशोरीलाल इन्सां ने धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा बोलकर किया। तदुपरांत कविराजों ने भजनवाणी के माध्यम से राम-नाम का जाप करके मनुष्य जन्म का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। बाद में सेवादार पवन खां इन्सां ने ग्रंथ में से अनमोल वचन पढ़कर सुनाए गए, जिसे साध-संगत ने एकाग्रचित होकर श्रवण किया। नामचर्चा में विशेष रूप से पहुंचे 85 मैंबर सेवादार अमरजीत सिंह इन्सां ने अपने संबोधन में सचखंडवासी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि परिवार में मां-बाप, बेटा-बेटी का रिश्ता सबसे बड़ा होता है, लेकिन जो इस संसार में आता है, उसे एक दिन जाना जरूर पड़ता है। यह एक अटल सच्चाई है। मगर इस जाने-जाने में भी फरख है। Sirsa News
देहदानी बलदेव सिंह इन्सां अपना जन्म सफल बनाकर गए है। सचखंडवासी सतगुरु से ओड निभाकर सतगुरु की गोद में बैठकर निजधाम गए है। 85 मैंबर सहदेव इन्सां ने कहा कि सचखंडवासी बलदेव सिंह इन्सां हमेशा मानवता भलाई कार्यों में तत्पर रहते थे और उनका परिवार उनके नक्शे कदम चलते हुए हमेशा भलाई कार्यों में अग्रणी रहता है। उनकी पुत्रवधू अनमोल इन्सां व बेटा सतपाल इन्सां मध्यप्रदेश में पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पवित्र शिक्षाओं को आगे बढ़ाते हुए पिछड़े इलाके में शिक्षा की लौ जगाए हुए है। वहां के बच्चे शिक्षा के साथ-साथ खेलों में पूरी दुनियां में अपने संस्थान व गुरु का नाम रोशन कर रहे है। Sirsa News
सच कहूँ पंजाबी के संपादक तिलकराज इन्सां ने सचखंडवासी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बलदेव सिंह इन्सां का पूरा जीवन मानवता को समर्पित रहा है। पहले उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा की तो बाद में डेरा सच्चा सौदा से जुड़कर इंसानियत का भला किया। उन्होंने कहा कि इस संसार से रूखस्त होते हुए भी वह शरीरदान व नेत्रदान की महान सेवा करके गए, जिससे साध-संगत के दिलों में उनकी याद हमेशा बनी रहेगी। इस अवसर पर काफी संख्या में साध-संगत व शहर के गणमान्यजन मौजूद रहे। Sirsa News
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