जोगिंदर नरूला सादुलशहर ब्लॉक के बने 12वें शरीर दानी
सादुलशहर (सच कहूँ न्यूज)। इंसान जीते जी परिवार के समक्ष अनेक तरह की इच्छाएं व्यक्त करके जाता है। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी अपने परिवार के समक्ष शरीरदान करने की इच्छा व्यक्त करके जाते हैं, ताकि उसका मृत शरीर इंसानियत की सेवा में काम आएं और उनके जाने के बाद भी समाज में चर्चा हो। Sadulshahar News
एक ऐसी ही चर्चा का विषय बनें ब्लॉक सादुलशहर के वार्ड नं 14 निवासी सेवानिवृत्त प्रधानचार्य जोगिंदर नरूला इन्सां। जिन्होंने जीते जी तो मानवता भलाई के कार्य किए और जाते जाते शरीरदान जैसा महान कार्य कर अपने मुर्शिद ए कामिल व अपने परिवार का नाम रोशन किया। प्रेमी जोगिंदर नरूला पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। श्रीगंगानगर के निजी अस्पताल मे इलाज चल रहा था। इसी दौरान वे वीरवार सुबह सचखंड जा विराजे। जोगिंदर नरूला इन्सां ने डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से नाम शब्द लिया हुआ था। पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए उन्होंने जीते जी मरणोपरांत शरीरदान करने के लिए प्रतिज्ञा पत्र भरा हुआ था।
जोगिंदर इन्सां ने अपने पुत्र पवन नरूला इन्सां व पुत्रवधु व पुत्रियों को अपने शरीरदान की प्रतिज्ञा बारे अवगत करवा रखा था। सचखंडवासी के पुत्र पवन नरूला व बेटियों मोनिका मिढ़ा, ललिता मिढ़ा, रजनी खत्री, जंवाई सुशील मिढ़ा, सुनील मिढ़ा, बलवंत खत्री व अन्य रिश्तेदारों के प्रयासों से जोगिन्दर नरूला की प्रतिज्ञा को पूरा करते हुए वीरवार को उनके पार्थिव शरीर को महम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, रोहतक को दान कर दी। जोगिंदर इन्सां की मृत देह मेडिकल के छात्रों के शोध कार्यों में काम आएगी। यह सादुलशहर ब्लॉक के 12 वें शरीर दानी बने। अक्सर कहा जाता है कि डेरा सच्चा सौदा के आशिक अपने मुर्शिद ए कामिल के वचनों का अनुसरण करते हुए अपने शरीर को मरणोपरांत जलाने व दफनाने की बजाए दान करना ही अपना कर्तव्य समझते हैं। इसी कड़ी में जोगिंदर नरूला का मरणोपरांत शरीर दान हुआ।
अंतिम विदाई देने में बड़ी संख्या में पहुंची साध संगत | Sadulshahar News
शरीरदानी जोगिंदर इन्सां को अंतिम विदाई देने हेतु शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर संगठन के सदस्य, साध संगत, परिजन एवं रिश्तेदार व गणमान्य लोगों सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। शव यात्रा निवास स्थान से आरम्भ हो कर मुख्य बाजार से होते हुए श्रीराम बाग कल्याण भूमि पहुंची व पंडित द्वारा अंतिम रस्म अदायगी को पूरा करते हुए शव को शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर संगठन के सदस्यों को सौंपी गई ततपशचात ग्रीन एस संगठन ने ‘सचखंडवासी जोगिन्दर नरूला इन्सां अमर रहे’ धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा नारों के नारे लगाकर अंतिम विदाई दी।
क्या कहना है गणमान्य लोगों का?
आम गणमान्य व्यक्तियों का कहना है कि डेरा सच्चा सौदा की अमर सेवा मुहिम मेडिकल क्षेत्र के लिए बड़ा वरदान है। मृत्यु के बाद शरीर को वैसे भी जला ही दिया जाता है अगर ये शरीर इंसानियत हित में काम आए तो इससे बड़ा सराहनीय कार्य और क्या हो सकता है। इस कार्य के लिए परिजनों व डेरा अनुयायियों की सराहना करती है। शरीरदान जैसा महान कार्य कर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी समाज में प्रेरणास्त्रोत बन रहे हैं।
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