धान, बाजरे और मक्का की फसल का दाना-दाना खरीदेगी सरकार
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बोले-खरीफ की फसल का भुगतान एक सप्ताह के अंदर होगा
सच कहूँ/अनिल कक्कड़ चंडीगढ़। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि केन्द्र सरकार के कृषि संबंधित नए अध्यादेशों में कहीं भी फसलों के एमएसपी को समाप्त करने की बात नहीं कही गई है। किसानों की फसल अनाज मंडियों में बिना किसी रूकावट के निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर ही खरीदी जाएंगी और ज्यादा कीमत का अवसर मिलने पर किसान चाहेंगे तो ओपन मार्केट में भी बेच सकेंगे। जिस दिन अन्नदाताओं को उनकी फसल का एमएसपी देने की व्यवस्था पर कोई आंच आएगी, उसी दिन मैं अपना पद छोड़ दूंगा। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला ने रविवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर पत्रकारों के सवालों के जबाव में ये बातें कही।
भूपेन्द्र हुड्डा कर रहे किसानों को गुमराह
पत्रकारों से बातचीत में डिप्टी सीएम ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने राजनीतिक स्वार्थ की खातिर भोले-भाले किसानों को गुमराह करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि नए अध्यादेशों का विरोध करने वाले भूपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री रहते हुए न केवल ओपन मार्किट की वकालत की थी बल्कि केन्द्र की तात्कालिक मनमोहन सिंह सरकार द्वारा गठित समिति के चेयरमैन के तौर पर इन सिफारिशों पर दस्तखत भी किए थे। उन्होंने हुड्डा से सवाल किया कि वे किसानों को बताएं कि उनके इस दोगली नीति को अपनाने के पीछे क्या मजबूरी है और कांग्रेस प्रदेश के किसानों को क्यूं गुमराह कर रही है।
अध्यादेशों से खुलेगा खुशहाली का रास्ता
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में भी कांग्रेस पार्टी के विजन डॉक्यूमेंट में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग की वकालत की गई थी, लेकिन राजनीति से विवश कांग्रेसी आज व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं जबकि यह किसानों के लिए खुशहाली के नए रास्ते खोलने वाला कदम है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार अगले माह से खरीफ फसलों का एक-एक दाना तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। उन्होंने किसानों की शंकाओं को दूर करते हुए कहा कि बाजरा, धान के अलावा पहली बार मक्के की फसल की भी सरकार एमएसपी पर खरीद करेगी। सरकार द्वारा की गई खरीफ की फसल खरीद का भुगतान एक सप्ताह के भीतर-भीतर किसानों के खाते में कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरे लिए किसान के हित सर्वोपरि है। किसानों को लेकर उनकी नीयत में न कभी कोई खोट आया और आगे कभी आएगा।
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