जसवीर गहल/ राजिन्द्र शर्मा, बरनाला। कृषि क्षेत्र में सुधार के नाम पर केंद्र सरकार ने लागू किए काले कानूनों के विरोध में स्थानीय अनाज मंडी में किसान संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन ने बरनाला की अनाज मंडी में किसान-मजदूर एकता महारैली आयोजित की। विशाल पंडाल में उमड़े जनसैलाब ने इसे वास्तविक्ता में महारैली बना दिया।
लाखों की तादाद में एकत्रित हुए किसान महिलाओं, पुरूषों और मजदूरों ने एकजुटता का निमंत्रण देते हुए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उन्हें वापिस लेने की मांग उठाई। इक्ट्ठ को संबोधित करते हुए भाकियू एकता उगराहां के प्रदेशाध्यक्ष जोगिन्द्र सिंह उगराहां ने कहा कि किसान संघर्ष को मजबूत करने के लिए संघर्ष में खेत मजदूरों सहित अन्य वर्गों की शिरकत आवश्यक है। उन्होंने 26 जनवरी की घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि संघर्ष में खलल डालने के लिए सरकार ने कई प्रयास किए, लेकिन वे आंदोलन को विफल नहीं कर सकी।
रैली को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चे के नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हर गांव से दस किसानों का जत्था दिल्ली जाए। इस बीच दिल्ली गए किसानों का काम गांवों के किसान करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से जिन किसानों पर केस दर्ज किए गए हैं, उन मामलों को संयुक्त किसान मोर्चा लड़ेगा। उन्होंने कहा कि कोई किसान पुलिस के आगे पेश न हो और अगर कोई पुलिस अफसर किसानों को गिरफ्तार करने आता है तो उसका पंजाब के गांव में घेराव किया जाए। उन्होंने अपील की कि पंजाब सरकार दिल्ली पुलिस का साथ न दें। बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक किसान आंदोलन है।
इस दौरान किसान नेता रुलदू सिंह मानसा ने कहा कि खेती से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को दिल्ली जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली नहीं जाने वाला कोई व्यक्ति किसान नहीं होगा। इस दौरान उन्होंने भाजपा नेताओं और वर्करों का सामाजिक बायकाट करने के लिए भी कहा। रुलदू सिंह ने कहा कि पंजाब की किसान जत्थेबंदियां तब तक वापस नहीं लौटेंगी जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून रद्द नहीं कर देती। भाकियू उगराहां की महिला विंग की नेता हरिन्द्र कौर ने कहा कि महिलाओं ने अब तक संघर्ष में बहुत अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि खेत मजदूर महिलाओं को डटकर सामने आना चाहिए।
आज के इक्ट्ठ में नेताओं ने 27 फरवरी को दिल्ली मोर्चे में विशाल गिनती में पहुंचने और आठ मार्च को महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली मोर्चे में महिलाओं को विशेष रूप से पहुंचने के साथ-साथ 23 फरवरी को पंजाब और दिल्ली में विभिन्न् स्थानों पर चल रहे मोर्चों में पगड़ी संभाल जट्टा लहर के नायक शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह का जन्मदिवस मनाने का निमंत्रण भी दिया।
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