चौ. रणबीर सिंह की जयंती और संविधान दिवस पर कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
रोहतक (सच कहूँ न्यूज)। स्वतंत्रता सेनानी व संविधान सभा के सदस्य रहे स्वर्गीय चौधरी रणबीर सिंह के जन्मदिन और संविधान दिवस के मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने गांव खेड़ी साध स्थित स्माधि स्थल पर चौधरी चौधरी रणबीर सिंह प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा संविधान को सबसे बड़ी उपलब्धि मानते थे। संविधान ने देश के हर नागरिक को बराबर का अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी दी है। इसलिए संविधान और देश की स्वतंत्रता की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। Rohtak News
उन्होंने बताया कि रणबीर सिंह जी का जन्म 26 नवम्बर 1914 को हुआ था और यह सुखद संयोग है कि आज ही के दिन संविधान दिवस भी मनाया जाता है। उन्हें गर्व है कि उनके पिताजी देश की आजादी के लिए संघर्ष के दौरान अंग्रेजों की 8 अलग-अलग जेलों में कैद रहे। इनमें से 4 जेल आज भारत में हैं और 4 पाकिस्तान चली गई हैं। आजादी के बाद भी चौ. रणबीर सिंह जी का जीवन देश व समाज को ही समर्पित रहा। देश की आजादी के बाद वो संविधान निर्मात्री सभा के सबसे युवा सदस्य बने। यह प्रदेश के लिए भी गर्व की बात है कि वह हरियाणा क्षेत्र (पंजाब प्रांत) से संविधान सभा के इकलौते सदस्य थे। उन्होंने ही सबसे पहले 1948 में संविधान सभा के भीतर किसानों के लिए एमएसपी का प्रस्ताव रखा। उसके बाद भविष्य में किसानों के लिए रूस्क्क की व्यवस्था लागू हुई। Rohtak News
उन्होंने बताया कि रणबीर सिंह हुड्डा लोकतंत्र के इतिहास में सर्वाधिक सात अलग-अलग सदनों के सदस्य रहे। उनकी यह उपलब्धि लिम्का बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज है। साथ ही हरियाणा और पंजाब की सरकारों में मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया। भाखड़ा नांगल बांध परियोजना के रूप में चौ. रणबीर सिंह ने भारत के पहले विस्मयकारी बांध के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे किसानों को बारहमासी जल की सप्लाई उपलब्ध हो सकी। चौ. रणबीर सिंह हुड्डा सामाजिक समानता के प्रखर पक्षधर थे। उन्होंने बताया कि छह नवंबर, 1948 को भारतीय विधान परिषद् की बैठक में उन्होंने कहा था कि हम वर्गविहीन समाज बनाना चाहते हैं, जिसमें सभी को समान अधिकार हासिल हों। Rohtak News
उनका मानना था कि देश और देश का संविधान बिना गांव, गरीब और किसान के अधूरा है। यही कारण है कि भाखड़ा नांगल जैसी बडी परियोजना के तत्काल अनुमोदन एवं त्वरित क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप भाखड़ा नहर प्रणाली का कार्य शीघ्र पूरा हुआ और इसे 22 अक्टूबर 1963 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू द्वारा उसे राष्ट्र को समर्पित किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, विधायक भारत भूषण बतरा, गीता भुक्कल, पूर्व विधायक आनंद सिंह दांगी, अजय सिंघानिया, यशपाल पंवार, कुलदीप केडी प्रमुख रूप से मौजूद रहे। Rohtak News
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