गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। कैबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह और वस्त्र सचिव नीलम शमी राव की उपस्थिति में दो राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों के बीच महत्वपूर्ण समझौते(एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। और निट्रा निदेशक डॉ. एम एस परमार और एनबीआरआई के निदेशक डॉ अजीत कुमार शासनी ने समझौता(एमओयू) पत्र का आदान प्रदान किया। और कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ने दोनों संस्थानों को बधाई दी।उन्होंने कहा कि दो क्षेत्रों, वस्त्र और वनस्पति का मेल देश के कपड़ा जगत को नई दिशा देगा। और अनुसंधान के नए आयाम स्थापित करेगा । उन्होंने प्राकृतिक फाइबर्स के ऊपर गहन शोध पर ज़ोर दिया। जिनमे मिल्कवीड फाइबर मुख्य है। इस पर डॉ. एम एस परमार ने 18 सालों तक अनुसंधान कर कई प्रकार वस्त्रों और उत्पादों को बनाया जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत टैक्स में देखा और निट्रा के इस कार्य को अभूतपूर्व बताया। मिल्क वीड़ से मिलने वाले रेशे में कुछ विशेष गुण होते है , जिन्हें दूसरे रेशों के साथ मिला कर बेहतरीन और हल्के उत्पादों का निर्माण किया गया है, जो हमारी देश की सेनाओं के लिए बहुत उपयोगी है।

मिलकर प्राकृतिक रेशों से वस्त्र निर्माण की संभावनाओं को खोजेंगे: डॉ. एम एस परमार
डॉ. एम एस परमार ने बताया कि इस समझौते के तहत दोनों संस्थान मिलकर प्राकृतिक रेशों से उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्रों के निर्माण की संभावनाओं को खोजेंगे। जिससे सबसे अधिक फायदा कृषि क्षेत्र और किसानों को होगा और देश की आर्थिक विकास में भी वृद्धि होगी। एनबीआरआई राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है, जो वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करता है।