रायपुर (एजेंसी)। छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में किस्मत आजमाने का शौक लगातार बढ़ रहा है। नवम्बर के अन्त में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एक बार फिर नौकरशाहों Bureaucracy: Chhattisgarh के राजनीति में आने का सिलसिला शुरू हो गया है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के युवा अधिकारी एवं रायपुर के कलेक्टर रहे ओ.पी.चौधरी ऐसे पहले अधिकारी है जिन्होने महज 13 वर्ष की नौकरी कर अलविदा कर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए है।
भाजपा में शामिल होते ही पार्टी ने उन्हें युवा आईकॉन के रूप में प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया है। पार्टी ने उन्हे रायगढ़ जिले की खरसिया सीट से चुनाव लड़ाने का भी संकेत दिया है जिस पर आजादी के बाद कभी भी भाजपा को सफलता नहीं मिल सकी है।
चौधरी राज्य में राजनीतिक में आने वालों में पहले नौकरशाह नहीं हैं,बल्कि इसके पूर्व भी एक दर्जन से अधिक नौकरशाहों ने राजनीति में प्रवेश किया,जिसमें कुछ ने नौकरी छोड़कर तो कुछ ने सेवानिवृति के बाद। मौजूदा विधानसभा में पांच विधायक ऐसे है जो पूर्व में शासकीय सेवक रहे हैं। इस समय राज्य में 10 से ज्यादा नौकरशाह राजनीति में सक्रिय हैं।
राज्य के नौकरशाहों में अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही राजनीति में आने का शौक रहा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी इसके सबसे बड़े उदाहरण रहे है। रायपुर,शहडोल एवं इन्दौर जैसे बड़े शहरों के कलेक्टर रहे जोगी राज्यसभा एवं लोकसभा सदस्य रहने के साथ ही राज्य के आस्तित्व में आने पर छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने।
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