दुल्हन ने घोड़ी पर बैठाकर बिंदौरी निकाली

The bride sachkahoon

केसरीसिंहपुर (सच कहूँ न्यूज)। शादी से एक या दो दिन पहले बिंदौरी निकालना अब बेटों का ही अधिकार नहीं है। आज के समय बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है। इसी संदेश के साथ अब हर समाज बेटियों की शादी से पहले उनको घोड़ी पर बैठाकर बिंदौरी निकाल रहा है। या यूं कहें कि अब हर शादी में सभी रस्मों के साथ बिंदौरी (The Bride) निकालने की एक रस्म अदा की जा रही है। शहर ही नहीं बल्कि गांवों में भी बेटियों की बिंदौरी निकालने की रस्म समाज का हर वर्ग अदा कर रहा है।

कुछ ऐसी ही रस्म कस्बे में खटीक समाज ने भी निभाई।

सांखला परिवार के स्व. रामचंद्र सांखला की बेटी पूजा की शादी पुरानी मंडी निवासी दीनदयाल चावला के बेटे रवि से होनी है। ऐसे में परिजनों ने बेटी की बिंदौरी निकालने का निर्णय लिया। इस पर सभी परिजनों और खुद पूजा ने सहमति दी। इसके बाद गत रात्रि पूजा (The Bride) को एक बेटे की तरह घोड़ी पर बैठाकर पूरे कस्बे में बिंदौरी निकाली। डीजे और ढोल की धुनों के साथ जब परिक्रमा निकली तो कस्बे में चर्चा का विषय बना रहा।

यही नहीं जगह-जगह इस बिंदौरी का पुष्प वर्षा तो कहीं माला पहनाकर अभिनंदन किया गया। कुछ लोगों ने आशीर्वाद भी दिया। स्नात्तक तक पढ़ी हुई पूजा ने कहा कि बेटों और बेटी की सोच को हमें ही बदलना होगा। इस तरह की पहल से बेटियां समाज में अपना नाम रोशन कर पाएंगी। परिजन सुल्तान सांखला ने कहा कि बेटियां-बेटों से किसी भी लिहाज से कम नहीं है। परिवार के शंकर दास, लालचंद, महावीर प्रसाद, नानक चंद, एडवोकेट बजरंग लाल सांखला, सुरेंद्र सांखला सहित पूरे सांखला परिवार के साथ खटीक समाज के लोग मौजूद रहे।

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