गोली मारकर हत्या करने वाला आरोपी काबू, आरोपी से रिवाल्वर व दो कारतूस बरामद

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सफीदों ( सच कहूं न्यूज़ )। शुक्रवार को हुए हत्याकांड में पुलिस की टीमों ने चंद घंटों में गोली मारकर हत्या करने के आरोपी को काबू कर लिया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान सुंदर वासी ऐंचरा कला के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि वह बीआरएसके इंटरनेशनल स्कूल में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है। 2003 में संजय ने उसके भाई राकेश को गोली मारी थी व उसके पिता दरिया सिंह के हत्या के प्रयास में भी संजय को 7 साल जेल हुई थी। संजय ने करनाल में भी एक मर्डर कर रखा था। संजय से उसके परिवार को खतरा था। 2013 में उसकी व उसके परिवार की सुरक्षा के लिए 32 बोर रिवाल्वर का लाइसेंस बनवाया था। ‘

रिवाल्वर को वह हमेशा अपने पास रखता था। सुबह संजय गांव से पानीपत के लिए रोडवेज कर बस में चढा था। आरोपी ने सोच रखा था कि संजय को किसी भी तरह से खत्म करना है नहीं तो संजय उसे व उसके परिवार पर हमला कर सकता है। जब संजय पानीपत रोड नहर पुल के पास उतरने लगा तो आरोपी भी उसके साथ उतर गया व संजय को गोलियां मार कर उसकी हत्या कर दी। आरोपी को आज अदालत में पेश करके उसका दो दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है। जिस दौरान हत्या के मामले में साक्ष्य जुटाए जायेंगे। आरोपी से उसका आर्म लाइसेंस, 32 बोर रिवाल्वर, दो जिंदा रौंद व मोबाईल फोन बरामद कर लिया है।

पेशी पर जा रहे थे मृतक और उसका भाई

जानकारी देते हुए थाना प्रभारी ईश्वर सिंह ने बताया कि शुक्रवार सुबह सूचना प्राप्त हुई कि पानीपत रोड नहर पुल पर एक व्यक्ति की गोलिया मारकर हत्या कर दी गयी है | मौके पर मृतक के भाई ओमप्रकाश ने अपना ब्यान अंकित करवाया जिसमे उसने बताया कि मेरे भाई संजय के ऊपर हत्या, हत्या के प्रयास व अवैध असला इत्यादि के केस चल रहे है। आज मैं और मेरा भाई संजय आर्म्स एक्ट के केस में पानीपत कोर्ट में रोडवेज बस में तारीख पर जा रहे थे। हम करीब साढ़े 8 बजे पानीपत रोड नहर पुल पर पहुंचे तो मेरा भाई संजय और मेरे गांव का सुंदर अगली खिड़की से उतरे और मैं पिछली खिड़की से उतर रहा था तो बस से उतरते ही सुंदर ने मेरे भाई संजय पर पुरानी रंजिश के चलते गोलियां चला दी। जिसके ब्यान पर थाना शहर सफीदों में हत्या का मामला दर्ज किया गया। मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार आईपीएस द्वारा हत्या के आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया था जिन्होंने आरोपी को काबू कर लिया है।

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