MS Dhoni: भारतीय कप्तान एमएस धोनी के सभी फैंस उनका 42वां जन्मदिन (Happy Birthday MS Dhoni) मना रहे हैं। इस पूर्व संध्या पर, स्पोर्ट्सकीड़ा आपके लिए हमारी प्यारी माही की कुछ पुरानी यादें लेकर आया है। मैदान पर अपने शांत और दबाव-मुक्त व्यवहार के कारण एमएस धोनी को अक्सर ‘कैप्टन कूल’ का टैग दिया जाता था। हालाँकि, कैप्टन कूल होने के साथ-साथ एमएस धोनी साहसिक फैसले लेने के लिए भी लोकप्रिय थे। एमएस धोनी ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐसे फैसले लिए जिससे फैंस हैरान रह गए लेकिन अंत में वो फैसले फायदेमंद साबित हुए। इस वीडियो में हम एमएस धोनी के उन 5 फैसलों पर नजर डालेंगे जिन्होंने भारतीय क्रिकेट की किस्मत बदल दी।
आइये जानें धोनी के लिए ऐसे 5 फैसले | MS Dhoni
1. बॉलर जोगिंदर शर्मा को अंतिम ओवर
वर्ष 2007 में मिली कप्तानी को धोनी ने पहले वर्ल्ड टी-ट्वंटी टाइटल को भारत की झोली में डालकर सही साबित कर दिया। एमएस धोनी ने वर्ल्ड टी20 के दौरान जोगिंदर शर्मा को टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में आखिरी ओवर सौंप दिया। इस मुकाबले में एमएस धोनी के पास एस श्रीसंत, आरपी सिंह व हरभजन सिंह जैसे अनुभवी गेंदबाज मौजूद थे लेकिन धोनी ने अपने मन की सुनी और युवा जोगिंदर के हाथों में गेंद थमा दी। जोगिंदर शर्मा ने भी कप्तान की उम्मीदों को पूरा करते हुए बेहतरीन गेंदबाजी कर आखिरी ओवर में मिसबाह का अहम विकेट झटक तीन गेंदे बाकी रहते इंडिया टीम को जीत दिला दी। कप्तान धोनी के इस हिम्मत वाले फैसले की वर्ल्ड क्रिकेट में जमकर तारीफ भी हुई।
2. 2011 विश्वकप में युवराज से पहले मैदान पर आना MS Dhoni
वर्ष 2011 में इंडिया टीम ने 28 साल बाद क्रिकेट विश्वकप जीता लेकिन फाइनल मुकाबले में एक वक्त लक्ष्य का पीछा करते हुए इंडिया पारी लड़खड़ाने लगी और भारतीय टीम ने विरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और विराट समेत 114 के स्कोर पर अपने तीन सबसे अहम विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद पूरे टूर्नामेंट में बल्लेबाजी करने आए युवराज सिंह लेकिन एमएस धोनी ने फाइनल में युवराज से पहले बल्लेबाजी के लिए आकर श्रीलंकाई टीम की रणनीति पर पानी फेर दिया। तीसरे विकेट के बाद एमएस धोनी व गौतम गंभीर के बीच हुई 109 रनों की मैच जिताऊ साझेदारी की मदद से भारतीय टीम विश्व विजेता बनी। MS Dhoni
3. एक फैसले से हारा हुआ जीता मैच
वर्ष 2013 में इंग्लैंड में भारतीय टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी में एक बार फिर अपना दम दिखाया। एमएस धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया। फाइनल मैच में टीम इंडियां ने इंग्लैंड के सामने 20 ओवर में 130 रनों का मामूली सा लक्ष्य रखा जिसके बाद सभी भारतीय फैंस की उम्मीदें लगभग खत्म हो गई। घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठाकर लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की टीम पारी के 17वें ओवर तक महज चार विकेट गंवाकर 102 रन बनाकर जीत की तरफ आसानी से बढ़ रही थी परंतु पारी का 18वां ओवर एमएस धोनी ने उस गेंदबाज के हाथ में सौंप दिया जिसकी मैच में बहुत पिटाई हुई थी। जीत की तरफ बढ़ रही इंग्लैंड की टीम ने मैच को 5 रनों के अंतर से गंवा बैठी।
4. टेस्ट क्रिकेट से संन्यास
आपको बता दें कि 30 दिसंबर, वर्ष 2014 का वो दिन है जिस दिन एमएस धोनी ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया। आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए कप्तान एमएस धोनी को कप्तान नियुक्त किया । सीरीज में भारतीय टीम ने पहले 2 मुकाबले गंवाए लेकिन तीसरे टेस्ट को धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ड्रॉ करने में सफल रही। एमएस धोनी ने हार के बाद नहीं बल्कि एमसीजी में ड्रॉ मैच के बाद अचानक सीरीज के बीच संन्यास का एलान कर दिया।
5. धोनी ने वनडे और टी-20 की कप्तानी
इंडिया टीम को मिला एमएस धोनी की कप्तानी में धोनी विश्व क्रिकेट के इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने ये तीनों ट्रॉफी अपने नाम की हो लेकिन 4 जनवरी को कप्तान धोनी ने अचानक वनडे और टी20 में कप्तानी छोड़ने का एलान कर दिया। ये फैसला इतना अचानक हुआ जिसकी किसी को भनक भी नहीं लगी।