प्रदर्शन: चुनावों दौरान कांग्रेस सरकार द्वारा किए वायदों को पूरा न करने से अध्यापकों में भारी रोष, मांगों पर गौर करने की मांग
- बरनाला व मानसा से भी पहुंचे थे अध्यापक
- तहसीलदार को सौंपा मांग-पत्र
संगरूर (सच कहूँ न्यूज)। टीईटी पास बेरोजगार बीएड अध्यापक यूनियन ने कांग्रेस सरकार के चुनावों के दौरान किए वादों को पूरा न करने पर वादाखिलाफी के विरोध में रविवार को कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिंगला की कोठी पर हल्ला बोल रैली की। संगरूर, बरनाला व मानसा जिले से जुटे सैकड़ों बेरोजगार अध्यापक नारेबाजी करते हुए सिंगला की कोठी तक पहुंचे, जहां पुलिस ने कोठी से पहले ही बैरिकेड लगाकर रास्ते बंद कर दिया।
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने बरसात के बीच स्वतंत्रता भवन से सिंगला की कोठी तक विशाल रोष मार्च निकाला। बेरोजगार अध्यापकों ने पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके उपरांत सिंगला के निजी सहायक संदीप कुमार व नायब तहसीलदार कृष्ण कुमार को बेरोजगार अध्यापकों ने पंजाब सरकार के नाम एक मांग पत्र सौंपा।
वायदा पूरा करे सरकार
इस मौके पर यूनियन के प्रांतीय प्रधान सुखविंदर सिंह ढिलवां ने कहा कि चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता हासिल करते ही बेरोजगार अध्यापकों को पहल के आधार पर नियुक्त किया जाएगा। किंतु डेढ़ वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी इन बेरोजगार अध्यापकों को नियुक्त नहीं किया गया। युवा पीढ़ी बेरोजगारी के दौर से गुजर रही हैं। सरकार का फर्ज है कि वह हर नौजवान को उसकी योग्यता के अनुसार रोजगार प्रदान करे।
सरकार की शिक्षा के व्यापारीकरण की नीतियों की बदौलत आज पंजाब में बेरोजगार युवाओं की गिनती विस्फोटक बनी हुई है। बीएड टीईटी पास बेरोजगार अध्यापकों की गिनती 50 हजार तक पहुंच चुकी है, लेकिन इनकी नियमित भर्ती नहीं की जा रही है, जबकि युवाओं को बेरोजगारी की भट्ठी में झोंका जा रहा है। सरकार ने चुनावों से पहले युवाओं को घर-घर रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अब सरकार अपने वादे से भाग रही है।
सड़कों पर उतरने को मजबूर युवा: गुप्त
प्रांतीय सचिव चंद्र गुप्त ने कहा कि युवाओं को रोजगार की खातिर आए दिन सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। समर्थन में उतरे ट्रेड यूनियन के नेता हरभगवान भीखी, गुरप्रीत खेड़ी ने कहा कि ट्रेड यूनियनें इन बेरोजगार अध्यापकों के संघर्ष में पूर्ण तौर पर समर्थन करेंगी और उनकी आवाज बुलंद करेंगी।
ये हैं अध्यापकों की मांगें
- खाली अध्यापकों के पदों पर रेगुलर भर्ती करना
- विभिन्न पदों के लिए फार्म फीस कम करना
- भर्ती प्रक्रिया निर्धारित समय के बीच होनिजीकरण की नीति को बंद करके
अध्यापकों की गिनती को मुख्य रखकर पद तैयार करने - अध्यापकों को केवल शैक्षणिक कार्य देना
- अध्यापक को उसी के विषयों संबंधी पद दिया जाए
- टीईटी पास सभी उम्मीदवारों को भर्ती करने की मांग की।
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