आतंक और बातचीत एक साथ संभव नहीं : सुषमा

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जब सीमा पर जनाजे उठ रहे हों तो बातचीत की आवाज अच्छी नहीं लगती

नई दिल्ली (एजेंसी)।


पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया शुरू करने पर सरकार ने सोमवार को एक बार फिर दोहराया कि उसे बातचीत करने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन आतंकवादी गतिविधियां और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि भारत ने यह कभी नहीं कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार नहीं है लेकिन उसका मानना है कि आतंकवादी हरकतें और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकती।

भले ही यह पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले की स्थिति हो या बाद की। उन्होंने कहा, ‘जब सीमा पर जनाजे उठ रहे हों तो बातचीत की आवाज अच्छी नहीं लगती। भारत कई बार कह चुका है कि वह पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहता है लेकिन पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है और सीमा पार से भारतीय सीमा में घुसपैठ कर हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।

भारत का कहना है कि इस तरह की स्थिति में पाकिस्तान के साथ बातचीत का कोई औचित्य नहीं है। एक अन्य सवाल के जवाब में स्वराज ने कहा कि डोकलाम में चीनी सेना के साथ पिछले वर्ष के गतिरोध के समाप्त होने के बाद से स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है और गतिरोध की जगह पर यथास्थिति बनी हुई है।

उल्लेखनीय है कि चीन ने भारत , भूटान और चीन से लगते ट्राइजंकशन क्षेत्र के डोकलाम में पिछले वर्ष सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया था लेकिन भारतीय सैनिकों ने इस काम को रूकवा दिया था। इसके कारण दोनों सेनाओं के बीच लगभग ढाई महीने तक गतिरोध बना रहा था।

 

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