लाहौर में बिक रहा 70 रुपए किलो
इस्लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्तान में रोजमर्रा के इस्तेमाल में काम आने वाली खाने-पीने के सामान की आसमान छूती कीमतें जग जाहिर हैं और अब कीमत में असाधारणा बढ़ोतरी के बाद आटे की भयंकर किल्लत पैदा हो गई है जिससे देश भर में लोगों को बड़ी मुश्किलों झेलनी पड़ रही हैं। आटे की कीमत में बढ़ोतरी के साथ ही इसकी भयंकर किल्लत को दूर करने की बजाय सरकार और अन्य पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर पल्ला झाड़ने में व्यस्त हैं। पाकिस्तान में आटे का संकट पिछले कहीं महीने से जारी है। प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रांतीय सरकारों को खाद्य पदार्थों की कीमत, मुनाफाखोरी और जमाखोरी रोकने में सक्रिय भूमिका निभाने के आदेश देने के बाद यह संकट और गहरा गया है।
- उधर खैबर पख्तूनवा के नानबाईयों ने सोमवार को सरकार के खिलाफ हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।
- पंजाब के कई संघों ने सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है ।
- वह उन्हें पहले के दाम पर आटा उपलब्ध कराये अथवा नान और रोटी के दाम बढ़ाने की अनुमति दे।
- डान के अनुसार आटे का संकट सभी चारों प्रांतों और राजधानी इस्लामाबाद में बराबर है।
-आटे का संकट शनिवार को उस समय राजनीति के लपेटे में आ गया पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की अगुवाई वाली संघीय और पंजाब तथा खैबर पख्तूनवा की प्रांतीय सरकारों ने इस संकट की जिम्मेदारी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी(पीपीपी) की अगुवाई वाली सिंघ सरकार के मत्थे मढ़ दी। सिंध सरकार ने सेंटर पर गेहूं संकट की जिम्मेदारी लगाते हुए आटे के दामों में बढ़ोतरी कर दी।
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