गणमान्य व्यक्तियों व लोगों ने की सराहना
सच कहूँ/राजू, ओढां। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी जीते जी रक्तदान और मरणोपरांत शरीरदान जैसे महान कार्य कर समाज में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक नाम और शामिल हुआ है ब्लॉक रोड़ी के गांव झोरड़रोही निवासी टेक सिंह इन्सां(Tek Singh Insan) का। सोमवार को टेक सिंह की मृत देह मेडिकल शोध कार्यों हेतु दान कर दी गई। शरीरदानी को साध-संगत ने इलाही नारे व सैल्यूट के साथ फूलों से सजी गाड़ी में रूखस्त किया।
टेक सिंह इन्सां गांव के प्रथम शरीरदानी के रूप में हमेशा याद रहेंगे। 79 वर्षीय टेक सिंह इन्सां सोमवार सुबह हृदय गति रुकने से सचखंड जा विराजे। टेक सिंह इन्सां ने परमपिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम शब्द लिया हुआ था। उन्होंने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए अपने परिजनों के समक्ष इच्छा जताई थी कि उसके मरणोपरांत उसकी देह इंसानियत हित में मेडिकल शोध हेतु दान की जाए। टेक सिंह के मरणोपरांत उनके पुत्र स्वरूप सिंह इन्सां, अमरीक सिंह इन्सां व भजन इन्सां ने अपने पिता की इच्छानुसार उनकी मृत देह केएम गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मथुरा (यूपी) को दान कर दी।
सचखंडवासी को अंतिम विदाई देने हेतु शाह सतनाम जी ग्रीन-एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों के अलावा अनेक गणमान्य व्यक्ति व साध-संगत मौजूद रही। इससे पूर्व उनकी अर्थी को कंधा देने की रस्म उनकी पुत्रवधु रानी कौर, मूर्ति इन्सां व राजवीर इन्सां तथा पौत्री अमरप्रीत इन्सां ने निभाई।
कर्मठ सेवादार थे टेक सिंह इन्सां
सचखंडवासी टेक सिंह इन्सां(Tek Singh Insan) का नाम कर्मठ सेवादारों में आता था। उन्होंंने गंगवा, फेफाना व घुंकावाली सहित अनेक जगहों पर स्थित आश्रमों में काफी समय तक रह-रहकर सेवा की। इसके अलावा उन्होंने शाह मस्ताना जी धाम की शाही कैंटीन में 19 वर्षों तक सेवा की। ब्लॉक भंगीदास पवन इन्सां ने बताया कि उन्हें जब भी सेवा के लिए संदेश मिलता था तो वे उसी समय तैयार हो जाते थे। उन्होंने सैकड़ों लोगों को डेरा सच्चा सौदा से जोड़कर उन्हें बुराइयों से दूर किया।
‘‘डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी हमेशा से ही समाज सेवा में अग्रणी रहे हैं। चाहे वो कोरोना काल में लोगों की मदद हो या फिर रक्तदान या फिर कोई अन्य लोक भलाई कार्य। इनके सेवा कार्यों से मैं अच्छी तरह से वाकिफ हूं। टेक सिंह के परिवार ने उनका शरीरदान कर एक महान कार्य किया है जिसकी मैं पूरी पंचायत की तरफ से सराहना करती हूं।
सर्वजीत कौर, सरपंच (झोरड़रोही)।
‘‘समाजसेवा में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों का हमेशा से ही नंबर रहा है। मुझे याद है कि कोरोन काल में जब लोगों को रक्त की जरूरत पड़ी थी तब डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी लोगों के जीवन रक्षक बने थे। अपने बुजुर्ग का शरीरदान कर उनके परिजनोंं ने एक महान व प्रेरणादायक कार्य किया है। इस कार्य की मैं प्रशंसा करता हूं।
गुरविंद्र सिंह, चेयरमैन (ब्लॉक समिति बडागुढ़ा)।
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