मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
पटियाला। विद्यार्थियों और अध्यापकों की मांगों को मानने की जगह संघर्ष को दबाने के रास्ते पड़े शिक्षा मंत्री के लोकतांत्रित विरोधी रवैये के खिलाफ डैमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट पंजाब (डीटीएफ) के नेतृत्व में बड़ी संख्या अध्यापकों की ओर से स्थानीय जिला शिक्षा अधिकारी के दफ़्तर के आगे प्रदर्शन करते हुए शिक्षा मंत्री का अर्थी फूंक प्रदर्शन किया गया। इस मौके मुख्य मंत्री के नाम डीईओ (प्राथमिक और सैकेंडरी) के माध्यम से ज्ञापन भी सौंपा गया।
डीटीएफ नेता मनिन्दर पाल गिल, विक्रम देव सिंह और नवदीप समाना ने शिक्षा विभाग की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अप्रैल और मई माह दौरान बिना किसी नीति से विभाग की ओर से जहां बड़ी संख्या में बदलियां की गई, वहीं बीते माह की बदलियों में भी अंगहीनों, नेत्रहीनों व अन्य जरूरतमंदों को पहल न देते हुए बेनियमियों का मील पत्थर लगा दिया गया है। प्रदेश स्तरीय रैली दौरान इन बेनियमियों और राजनैतिक दखल अंदाजी का विरोध करने और शिक्षा मंत्री की ओर से संघर्षी अध्यापकों को धमकियां देने के रवैये को नेताओं ने लोकतंत्र विरोधी बताया।
जिला नेताओं देसराज और अमनदीप सिंह ने बताया आयकर विभाग के अंतर्गत 5178 मास्टर कैडर अध्यापकों को रेगुलर करने के लिए अपेक्षित नोटिफिकेशन जारी न करने और एसएसए, रमसा, शिक्षा प्रोवाईडर, ईजीएस, एआईई, एसटीआर, आईईबी और आदर्श स्कूल अध्यापकों को शिक्षा विभाग में पूरे तनख़्वाह स्केल और लाकर रेगुलर न करने और अध्यापकों को बीमार होने की सूरत में 15 दिन की जबरन मेडिकल छुट्टी लेने के लिए मजबूर करके अध्यापकों के साथ-साथ विद्यार्थियों की पढ़ाई के हो रहे नुकसान को रोकने के लिए शिक्षा मंत्री की ओर से सहृदय प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
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