अध्यापक, कर्मचारी और अन्य वर्ग सब सरकार का हिस्सा : मनोहर

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मुख्यमंत्री ने आॅनलाइन अध्यापक स्थानांतरण नीति को सराहा

चण्डीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि हमने समाज के हर वर्ग के हित में काम किया है। अध्यापक हो, कर्मचारी हो या कोई अन्य वर्ग हो हम सब सरकार हैं सरकार का हिस्सा हैं, समाज की अपेक्षाओं को प्रशासनिक स्तर पर पूरा करना किसी भी सरकार की जिम्मेदारी होती है, जबकि संगठन के नाते कर्मचारी संघ सरकार तक अपनी बात पहुंचाते हैं। वे धन्यवाद व्यक्त करने आए प्रकोष्ठों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आॅनलाइन अध्यापक स्थानांतरण नीति को वे सरकार की पारदर्शी कार्यशैली का एक बड़ा निर्णय मानते हैं, क्योंकि इस नीति को लागू करना उनकी शुरू से ही मंशा रही थी। एक समय ऐसा था जब अध्यापकों का तबादला 20 मील की दूरी पर किया था तो उस समय मैं नौवीं कक्षा का छात्र था और हमारे स्कूल के लगभग सभी अध्यापकों को तबादला हो गया था। वर्ष 2014 में मुझे मौका मिला तो आॅनलाइन अध्यापक स्थानांतरण नीति को लागू किया और अध्यापकों के साथ न्याय किया। भले ही किसी को इससे परेशानी हुई होगी परन्तु 94 प्रतिशत से अधिक इससे संतुष्ट हैं, क्योंकि इस नीति से वे स्वयं ही अपने स्टेशन का विकल्प देते हैं।

जन कल्याण के लिए चल रही 580 स्कीमें

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बीबीसी अर्थात बदली, भर्ती व सीएलयू बंद कर इसमें पूरी पारदर्शिता अपनाई है। विभागों की प्रक्रिया को आॅनलाइन किया जा रहा है। अत्योदय, सरल व नागरिक सेवा केन्द्रों के माध्यम से कोई भी व्यक्ति सरकारी स्कूलों का लाभ ले सकता है। केन्द्र व राज्य सरकार की लगभग 580 स्कीमें हंै, जो जन कल्याण के लिए बनी है।

परिवार पहचान पत्र से सुधरेगा गरीबों का जीवन स्तर

उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से प्रदेश के हर परिवार की सामाजिक व आर्थिक स्थिति का विश्लेषण किया जा रहा है। लगभग 65 लाख से अधिक परिवारों का डाटा प्राप्त हो चुका है, इनमें से 11 लाख ऐसे परिवार हैं, जिनकी वार्षिक आय 50 हजार से कम है। इन परिवारों को मुख्यमंत्री अत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत गरीबी से ऊपर उठाना, हमारी प्राथमिकता रहेगी कि किसी को तकलीफ न आने देना।

20 हजार कमेटियां कर रही सर्वे

मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 हजार स्थानीय कमेटियों के माध्यम से भी सर्वे करवाया जा रहा है। इन कमेटियों में ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जो ठीक को ठीक कहें और निष्पक्षता से निर्णय ले सकें।

सीएम ने लिखित में मांगे सुझाव

अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. मदन व कर्मचारी प्रकोष्ठ के विद्यानंद लम्बा ने अपने-अपने प्रकोष्ठों की मांगे मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय की कमी के चलते अपने-अपने सुझाव हर कोई लिखित में दे सकता है। मुख्यमंत्री के कार्यालय में पहुंचा कोई भी कागज तत्काल समाधान के बिना वापिस नहीं जाएगा।

 

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