मामला : वेतन में कटौती, कच्चे अध्यापकों को पक्के करने व अध्यापकों की काफी समय से लटकती आ रही मांगों का
सैंकड़ों गांवों व पटियाला शहर के लोगों की कचेहरी में पंजाब सरकार की नीतियों
पटियाला(खुशवीर सिंह तूर)। अध्यापक संघर्ष समिति की ओर से अपनी (teachers-demand-for-huge-flag-march-in-patiala-lok-sabha)मांगों को लेकर मुख्य मंत्री के शहर में विशाल झंडा मार्च निकाला गया। इस मौके सैंकड़ों की संख्या में एकत्रित हुए अध्यापकों ने अपनी, मांंगों को लेकर पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते अपनी भड़ास निकाली। सरकार को अध्यापकों के साथ किए वायदों को पूरे करने से पीछे हटने के फलस्वरूप लोक सभा चुनावों के गर्माए माहौल दौरान अध्यापक वर्ग के व्यापक गुस्सा का सामना करना पड़ रहा है। वेतन कटौती, कच्चे अध्यापकों को पक्के न करने, अध्यापकों के हजारों पद खत्म करने, सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को वर्दियां देने के मामले में सामने आ रही गंभीर लापरवाहियां, स्कूलों में अभी तक भी पुरी किताबें न पहुंचाना व अध्यापकों की काफी समय से अधर लटकती आ रही मांगों को हल न करने का राजनैतिक सेक लाजिमी तौर पर पंजाब में सत्ता पर काबिज पक्ष को होने जा रहा है।
अध्यापक संघर्ष समिति पंजाब के आह्वान पर राज्य के अलग -अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में एकत्रित हुए अध्यापकों ने मुख्य मंत्री केशहर व उन की पत्नी के लोकसभा हलका पटियाला में गुस्सा भरपूर ‘झंडा मार्च’ निकाला। अध्यापकों का एक हिस्सा गांव नन्दपुर केशो से झंडा मार्च शुरू करते पटियाला देहाती व नाभा हलके कई गांवों में से होते पटियाला शहर में पहुंचा, जबकि दूसरे बड़े काफिले ने गांव फतेहगढ़ छन्ना से झंडा मार्च शुरू कर समाना चुनाव हलके के दर्जनों गांवों के साथ-साथ समाना और पटियाला शहरों के प्रमुख हिस्सों में भी लोगों के बुनियादी मसलों को हल करने में नाकाम रही पंजाब सरकार की नीतियों को लोगों के सामने रखा। ‘झंडा मार्च’ दौरान अध्यापकों ने कच्चे अध्यापकों को पक्के करने व वेतन कटौती को रिविऊ करने के लिए पंजाब सरकार की ओर से उच्च स्तरीय समिति बनाने के किए ऐलान पर खरे न उतरने व अध्यापकों के साथ किए वायदों को पूरा न करने के खिलाफ तीखा रोष प्रकट किया।
त्रिपड़ी मोड़ पर पुड्डा ग्राउंड में झंडा मार्च की समाप्ति दौरान अध्यापकों के बड़े जलसमूह को संबोधित करते दविन्दर सिंह पूनिया, सुखविन्दर सिंह, हरजिन्दर पाल, परवीन कुमार, बलजीत, हरदीप, हरविन्दर, दलजीत, बिक्रमजीत, गुरिन्दर, हरजीत सिंह आदि ने कहा कि पंजाब सरकार गरीब बच्चों से शिक्षा छीन कर सरकारी स्कूलों की बबार्दी कर रही है। पंजाब में साल 2017 की विधान सभा की चुनावों में पंजाब के लोगों साथ बहुत से वायदे किए गए, परंतु अफसोस कि दो साल बीत जाने के बाद भी वह वायदे पूरे नहीं हुए। मौजूदा सरकार ने घर-घर नौकरी तो क्या देनी थी उल्टा पहले से ही रोजगार प्राप्त एसएसए, रमसा, आदर्श मॉडल स्कूलों के अध्यापकों को पक्के करने के नाम पर वेतन में 65 से 75 प्रतिशत कटौती कर दी गई। पंजाब सरकार की ओर से स्कूली बच्चों को बांटी वर्दियां अति घटिया दर्ज की हैं, जिस में लगभग 76 करोड़ 56 लाख के घपले का अंदेशा अध्यापक संघर्ष समिति की ओर लगाया गया व इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग भी उठाई।
3 व 4 जून को मोहाली में शिक्षा सचिव के कार्यालय का घेराव करने का किया ऐलान
नेताओं ने बताया कि अपने हक मांगने आए अध्यापकों पर 10 फरवरी को पटियाला शहर में ही भारी ठंड में पानी की बौछारें छोड़कर उन पर भारी लाठी चार्ज किया गया, जिसकी याद अभी भी पंजाब के लोगों के जहन में ताजा है। शिक्षा सचिव की ओर से आए दिन नये तुगलकी फरमान जारी कर अध्यापकों व शिक्षा अधिकारियों के साथ बदसलूकी के मामले सामने आ रहे हैं, जिस कारण सार्वजनिक शिक्षा को बचाने व अध्यापकों का मान सम्मान बहाल करवाने के लिए अध्यापक संघर्ष समिति ने 3 व 4 जून को मोहाली में धरना लगा कर शिक्षा सचिव के कार्यालय के घेराव करने का ऐलान भी किया।
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