कोलंबो (एजेंसी)। गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में सरकार की ओर से प्रस्तावित कर वृद्धि से स्थिति और भयावह होने तथा इससे लोगों को आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए विवश होने की आशंका जतायी गयी है। श्रीलंका के एक प्रमुख समाचारपत्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आम लोग अब टैरिफ और करों में भारी वृद्धि के कारण बड़ी मात्रा में सार्वजनिक धन की चोरी करने वाले और देश को दिवालिया बनाने वाले, आर्थिक अपराधियों के पापों का भुगतना करने के लिए मजबूर हैं। प्रस्तावित कर वृद्धि यदि लागू की जाती है, तो कई लोगों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका में मुद्रास्फीति बढ़कर 70 प्रतिशत से अधिक हो गई है और खाद्य पदार्थों की कीमतें एक साल पहले की तुलना में 84.6 प्रतिशत से अधिक बढ़ गयी हैं।
श्रीलंका के परिधान उद्योग में सुधार आएगा: शर्मा
कोट्स इंटरनेशनल ग्लोबल ने उम्मीद जतायी है कि श्रीलंका का परिधान उद्योग एक बार फिर पटरी पर वापस लौटेगा और यहां की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। डेली एफटी अखबार ने कोट्स इंटरनेशनल ग्लोबल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव शर्मा के हवाले से अपन रिपोर्ट में पिछले तीन माह की अशांति और भ्रम वाली स्थिति होने के बावजूद भी यह वास्तव में हो रहा है जैसा कि पहले कहा गया था। शर्मा ग्राहकों और कर्मचारियों से मिलने के लिए श्रीलंका की यात्रा पर थे। उन्होंने कहा कि देश का माहौल बहुत अच्छा था। उन्होंने कहा ‘आप कभी भी श्रीलंकाई को निराश या हताश नहीं देख सकते हैं क्योंकि वे हमेशा खुश, आशावादी और विश्वास रखने वाले लोग हैं कि आने वाला कल आज से बेहतर होगा।
सीईओ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रीलंका को जो समर्थन मिलता है, वह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है क्योंकि श्रीलंका ने कई दशकों तक सद्भावना निर्माण का कार्य किया है। उन्होंने कहा ‘मैं यूरोप और अमेरिका के ग्राहकों से मिला। वे श्रीलंका और यहां के कपड़ा उद्योग को सहानुभूतिपूर्वक और दिल से सहयोग करने के लिए इच्छुक हैं। हर कोई अपने समर्थन को बढ़ाना चाहता है।
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