सुबह बांटता था अखबार, फिर मॉल में नौकरी, साथ में ली कोचिंग और थल सेना में हुआ चयन

Tarun Kumar

गाँव खेड़ा खुर्रमपुर का रहने वाला है Tarun Kumar

संजय मेहरा/सच कहूँ गुरुग्राम। मंजिलें उन्हीं को मिलती हंै, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलों से उड़ान होती है…। इसी तरह से अपने सपनों में जान लेकर और उन्हें परवान चढ़ाने को किशोर अवस्था से लेकर युवा अवस्था तक जी-तोड़ मेहनत करते हुये मंजिल हासिल कर ली तरुण कुमार ने। तरुण कुमार गुरुग्राम जिला के खंड फर्रूखनगर के गाँव खेड़ा खुर्रमपुर का रहने वाला है। तरुण कुमार ऐसा ही एक नाम नहीं है, बल्कि इसके पीछे कम उम्र की कड़ी मेहनत और संघर्ष छिपा है।

परिवार में गरीबी भले ही हो, लेकिन तरुण ने सपने हमेशा बड़े और ऊंचे देखे। उन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए तरुण ने सुबह उठकर अखबार बांटे। फिर शॉपिंग मॉल में पार्ट टाइम नौकरी की। इन दोनों में से समय निकालकर उसने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी और कोचिंग भी ली। यानी जीवन में कुछ कर गुजरने की वह मन में ठान चुका था। गाँव खेड़ा खुरमपुर निवासी सुमित्रा एवं राकेश का पुत्र तरुण कुमार बचपन से ही मेहनती रहा है। तरुण कुमार का भारतीय थल सेना में चयन हुआ है।

तरुण के पिता किसान हैं और माता गृहिणी | Tarun Kumar

तरुण के पिता किसान हैं और माता गृहिणी है। प्रारंभिक शिक्षा गाँव के स्कूल से प्राप्त की। बचपन से ही अच्छा धावक होने से मन में रेस में अपना कैरियर बनाने की सोची और स्टेट लेवल तक 200 और 400 मीटर की दौड़ में कई मेडल व सर्टिफिकेट हासिल किये। अच्छी खुराक के लिए धन की कमी आगे आने लगी। पढ़ाई और काम दोनों साथ-साथ किए। फर्रूखनगर सरकारी स्कूल से 2016 में 74 फीसदी अंक लेकर नॉन मेडिकल से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की। उसकी मुलाकात गुरुजी डिफेंस एकेडमी के निदेशक एवं भूतपूर्व सहायक कमांडेंट डॉ. दिलबाग सिंह से मुलाकात हुई। उन्होंने भारतीय सेना के बारे में बताया कि आप अपनी इच्छा वहां पूरी कर सकते हो।

आर्मी क्लर्क के लिए चयन हुआ | Tarun Kumar

तरुण ने आर्मी को लिए कोचिंग लेनी शुरू की और अब कामयाबी हाथ लगी। तरुण का भारतीय थल सेना में आर्मी क्लर्क के लिए चयन हुआ। तरुण ने फिलहाल द्रोणाचार्य कॉलेज गुरुग्राम से कंप्यूटर साइंस से बीएससी फाइनल के पेपर दिए हैं। उसके साथ ही फर्रूखनगर खंड के चार अन्य युवाओं में रवि निवासी गाँव गुगाना, अमित निवासी मुशेदपुर, पंकज निवासी सैदपुर, चिराग निवासी जराउ शामिल हैं। इस खुशी में ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया।

 

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