पिछले साल के मुकाबले दोगुना हुआ क्षेत्रफल
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किसानों को प्रेरित करेंगे तीन हजार अधिकारी/कर्मचारी
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। भूजल एवं पर्यावरण को बचाने के लिए पंजाब ने खरीफ के मौजूदा सीजन के दौरान धान (Paddy) की सीधी बुवाई (डीएसआर) अधीन क्षेत्रफल पिछले साल के मुकाबले दोगुना करते हुए 30 लाख एकड़ (12 लाख हेक्टेयर) क्षेत्रफल इस तकनीक के तहत लाने का लक्ष्य निश्चित किया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री भगवंत मान, जिनके पास कृषि विभाग भी है, ने विभाग को निर्देश दिया है कि इस साल धान की पारंपारिक बुवाई के बजाय लगभग 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को इस तकनीक के अधीन लाने के लिए ठोस प्रयास किये जाएं जो बहुत कम सिंचाई का प्रयोग करती है। यह विधि जमीन में पानी के रिसने में सुधार करने के साथ-साथ खर्चे घटाती है और मिट्टी की सेहत में सुधार भी करती है। इससे धान और गेहूँ की उपज में भी 5-10 प्रतिशत विस्तार होगा।
किसानों को डीएसआर के जरिये धान (Paddy) की फसल बीजने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने पहले ही इस नवीनतम तकनीक को अपनाने वाले किसानों को उत्साह के तौर पर 1500 प्रति एकड़ वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है और उसके लिए 450 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है।
इस खरीफ सीजन के दौरान राज्य भर के किसान बासमती समेत 30 लाख हेक्टेयर (75 लाख एकड़) क्षेत्रफल में धान (Paddy) की फसल लगाएंगे। पिछले साल 15 लाख एकड़ (6 लाख हेक्टेयर) क्षेत्रफल में डीएसआर के जरिये धान की काश्त की गई थी और इस साल 30 लाख एकड़ का लक्ष्य निश्चित किया गया है।
गांवों में लगेंगे प्रशिक्षण कैंप
धान की सीधी बुवाई के लिए किसानों को प्रेरित करने के लिए कृषि, बागबानी, मंडी बोर्ड और जल व भूमि संभाल सहित विभिन्न विभागों के लगभग 3000 आधिकारियों /कर्मचारियों को तैनात किया है। पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना द्वारा कृषि विभाग के आधिकारियों को डीएसआर तकनीक बारे एक दिन की विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा 5-7 गांवों के कलस्स्टर बनाकर गांव स्तरीय प्रशिक्षण कैंप भी लगाए जा रहे हैं।
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