काबुल (एजेंसी)। अफगानिस्तान में काबुल के मिलिट्री अस्पताल में मंगलवार को हुए हमले में तालिबान का एक अहम सहयोगी मौलवी हमदुल्लाह मुखलिस भी मारा गया। एजेंसी रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है। मुखलिस काबुल मिलिट्री कॉर्प्स का सरगना था। वह उन बड़े तालिबानी कमांडरों में शुमार था, जो अगस्त में अशरफ गनी के भाग जाने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में घुसे थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार को मिलिट्री अस्पताल पर हुए हमले में 25 लोग मारे गए थे और 50 से ज्यादा घायल हो गए। तालिबान द्वारा सत्ता हथियाने के बाद से लगातार हो रहे हमलों के बीच मंगलवार का हमला सबसे ताजा था। यह हमला एक आत्मघाती हमलावर ने अंजाम दिया, जिसने खुद को अस्पताल के गेट के बाहर उड़ा लिया। इसके बाद बंदूकधारी अस्पताल परिसर में घुस आए और गोलीबारी करने लगे।
क्या है मामला
हक्कानी नेटवर्क और पाकिस्तान के बीच काफी करीबी संबंध रहे हैं। संबंध ऐसे कि पाकिस्तान अपनी नापाक साजिशों को अंजाम देने के लिए समय-समय पर इस नेटवर्क का सहारा लेता रहा है। इस ग्रुप की स्थापना जलालुद्दीन हक्कानी ने की थी। पाकिस्तान ने इस नेटवर्क की पैसे और हथियार के रूप में काफी मदद की है। तालिबानी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता कारी सैयद खोस्ती ने विस्फोट के कुछ ही मिनटों बाद इनकी पुष्टि की और बताया कि कई लोग हताहत हुए हैं।
हालांकि, उन्होंने कोई और विवरण नहीं दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों से हताहतों के आंकड़े मिलने के बाद नई संख्या जारी की है। पहले दिन में मीडिया ने खबर दी थी कि इन धमाकों में 15 लोगों की मौत हो गयी और 34 अन्य घायल हो गये। लेकिन समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि अब तक इस हमले में 16 लोगों की मौत हुई है और 50 से अधिक घायल हैं।
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