फ्रांस और जापान के विदेश मंत्रियों ने ताइवान क्षेत्र में चीन के युद्धाभ्यास की निंदा
पेरिस (एजेंसी)। फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना और जापान के हयाशी योशिमासा ने ताइवान के जलक्षेत्र में चीन के युद्धाभ्यास की निंदा करते हुए दोनों पक्षों से क्षेत्र में तनाव को बढ़ने से रोकने का आह्वान किया है।
दोनों मंत्रियों के बीच फोन पर बातचीत के बाद फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने आज यहां जारी एक बयान में कहा, ‘मंत्रियों ने बड़े पैमाने पर ताइवान के आसपास चीन के युद्धाभ्यास पर गहरी चिंता व्यक्त की। चीन द्वारा जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रक्षेपण पर दोनों नेताओं एकजुटता व्यक्त की और कहा कि किसी भी स्थिति में हम जापान के साथ है। दोनों मंत्रियों ने इन कार्यों की खतरनाक प्रकृति और क्षेत्र में किसी भी प्रकार के तनाव से बचने की आवश्यकता पर बल दिया। सुश्री कोलोना ने ताइवान जल क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए एक चीन नीति के लिए फ्रांस की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की। वहीं ताइवान ने भी अब चीन के हर हमले का जवाब देने के लिए सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका ने भी चीन को सबक सिखाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
ताइवान के पास चीन का नया सैन्य अभ्यास
चीन की सेना ने कहा कि ताइवान के आसपास उसका बड़ा सैन्य अभ्यास जारी है, जबकि उसने पहले घोषणा की थी कि रविवार को लाइव-फायर अभ्यास समाप्त हो जाएगा। चीनी सेना के ईस्टर्न थियेटर कमांड ने कहा कि वह पनडुब्बी-रोधी हमलों और समुद्री छापेमारी का अभ्यास करेगा। इससे पहले चीनी सेना ने ताइवान की समुद्री सीमा के निकट जा लाइव फायर अभ्यास किया था उसके बारे में कहा था कि वह ऐसा अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के विरोध में कर रहा है।
दूसरी ओर ताइवान ने आरोप लगाया कि चीन इस ड्रिल के माध्यम से द्वीप पर हमला करने का अभ्यास कर रहा है। बीबीसी के अनुसार, सोमवार को ताइवान ने कहा कि अभ्यास के दौरान अबतक कोई भी चीनी विमान और जहाज उसके समुद्री सीमा में प्रवेश नहीं किया है। अमेरिका सहित अस्ट्रेलिया और जापान ने इस अभ्यास की निंदा करते हुए कहा है कि उनका उद्देश्य ताइवान जलडमरूमध्य की यथास्थिति को बदलना है- मुख्य भूमि और द्वीप के बीच 180 किमी चौड़ा जलक्षेत्र है।
अमेरिका ने कड़ी निंदा की
इस अभ्यास के दौरान चीनी विमान और जहाजों ने कथित रूप से जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को कई बार पार किया। ताइवान के रक्षा मंत्रालन ने सोमवार को कहा कि यहां मध्य रेखा एक मौन सहमति है जो 1950 से अस्तित्व में है और इसका अस्तित्व एक सच्चाई है। वाशिंगटन ने भी बीजिंग की निंदा की है कि इसने पेलोसी के दौरे की प्रतिक्रिया में कई क्षेत्रों में सहयोग को तोड़ा है जिसमें जलवायु परिवर्तन भी शामिल है। बीजिंग ताइवान को एक अलग हुए प्रांत के रूप में देखता है जिसे जरूरत पड़ने पर सेना द्वारा वह नियंत्रण कर सकता है। लेकिन ताइवान एक स्व-नियंत्रित द्वीप है जो खुद को चीन से अलग समझता है।
ताइवान के आसपास नई गतिविधियों की शुरूआत तब हुई जब चीन के समुद्रतटीय प्राधिकरण ने घोषणा की कि इन अभ्यासों को अन्य स्थानों पर भी किया जाएगा। चीन और कोरियन प्रायद्वीप के बीच स्थित पीत सागर में नए दैनिक सैन्य अभ्यास शनिवार से मध्य अगस्त तक चलने वाले थे जिसमें लाइव-फायर अभ्यास शामिल थे।इसके अलावा, पीत सागर के उत्तर में बोहाई सागर के एक हिस्से में एक महीने तक चलने वाले सैन्य अभियान की शुरूआत शनिवार को हुई।
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