हंगामेदार रहा हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र

Haryana Legislative Assembly

मंत्री कृष्ण बेदी व केहर सिंह में तीखी नोंक-झोंक, हाथापाई की नौबत

-विपक्ष ने सदन में उठाया किसानों के कर्ज व एसवाईएल का मामला

सच कहूँ/अश्वनी चावला

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में भी जमकर हंगामा हुआ। जहां एक तरफ जहां किसानों के मुद्दे को लेकर इनेलो व कांग्रेस ने एक दूसरे पर अंगुलियां उठाई वहीं दूसरी तरफ विपक्षी विधायकों व राज्यमंत्री कृष्ण बेदी के बीच में हाथापाई तक करने की नौबत आ गई। मामला इतना ज्यादा आगे बढ़ गया कि विधानसभा कंवरपाल गुज्जर के आदेश पर मार्शल को सामने आकर दखल देना पड़ा। मार्शल ने किसी तरह हाथापाई को रोकने की कोशिश। हालांकि इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुर्सी से उठकर अभय चौटाला को अपने विधायकों को काबू में रखने तक की सलाह दे डाली।

विधानसभा के सत्र के पहले दिन जब गन्ने की अदायगी के मुद्दे को लेकर विपक्ष के नेता अभय चौटाला अपना तर्क रख रहे थे तभी उन्होंने गन्ने पर बात करने की जगह किसानों के कर्ज माफी और एसवाईएल मामले को उठाया और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से जवाब मांगा कि आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद हरियाणा सरकार ने एसवाईएल के मामले में क्या किया? इस बात को लेकर भाजपा के कई विधायकों ने एतराज जाहिर करते हुए कहाकि वह अपने मुद्दे पर बोलने की जगह सदन का समय बर्बाद कर रहे हैं। वहीं राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने भी अभय चौटाला के लिए कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर डाला जो उनके विधायकों को बर्दाश्त नहीं हुआ और विधायक केहर सिंह ने मंत्री बेदी को सदन के बाहर आकर दो चार हाथ होने की धमकी दे डाली। जिसके बाद मामला हाथापाई तक पहुंच गया।

कुछ ही मिनटों में पास हुए बिल और पारित हुई अनुपूरक मांग

हंगामे के बीच विधानसभा की कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए स्पीकर कंवरपाल गुज्जर ने कुछ ही मिनटों में कई बिल पास करते हुए विधानसभा सदन में रखी गई अनुपूरक मांगों को भी पास कर दिया। हंगामे के दौरान कई विधायकों को यह तक नहीं पता चला कि कौन सा बिल पेश हुआ है और कौन सा बिल पास कर दिया गया।

विपक्ष का आरोप: स्पीकर की कुर्सी को डिक्टेट कर रहे सीएम

अभय चौटाला ने सदन के अंदर आरोप लगाया कि विधानसभा की कार्रवाई को चलाने का अधिकार  सिर्फ स्पीकर और डिप्टी स्पीकर को होता है। परंतु मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बार-बार अपनी कुर्सी से डिक्टेट करते हुए विधानसभा की कार्रवाई को चलाने के आदेश स्पीकर को दे रहे हैं, जो कि जायज नहीं। उन्होंने कहा कि सीएम को स्पीकर के काम में दखल नहीं देना चाहिए।

जिसके पास नहीं होता तर्क वह करता है हंगामा: कंवरपाल

हरियाणा विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुज्जर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अगर आपके पास तर्क है तो आवाज ऊंची उठाने या फिर हंगामा करने की जरूरत नहीं पड़ती है। क्योंकि आपके तर्क के सामने सब कुछ छोटा पड़ जाता है। लेकिन अगर आपके पास तर्क ही नहीं है तो आप हंगामा करते हैं या फिर अपनी आवाज ऊंची उठाने की कोशिश करते हैं। ऐसा ही आज विधानसभा के अंदर हुआ। विपक्ष के पास किसी भी तरह का कोई तर्क नहीं था। जिस पर वह चर्चा करते।

किसानों की कर्ज माफी पर कांग्रेस का वाक आउट

किसानों को कर्ज माफी के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा सरकार से जबाब चाहते थे, जिस पर कृषिमंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने उल्टा कांग्रेस पर दोष लगा दिया कि मध्य प्रदेश व राजस्थान सहित छतीसगढ़ में कांग्रेस ने लोगों से धोखा किया है, क्योंकि कांग्रेस ने पूरा कर्ज माफ करने की बात की थी, परन्तु किसानों का कर्ज सिर्फ 2 लाख ही माफ किया गया है। कांग्रेस ने धोखा दिया है तो उनको किसानों के कर्ज के बारें में पूछने का कोई हक नहीं है। इस बात को लेकर कांग्रेस के विधायकों ने जम कर हंगामा किया और सुनवाई नहीं होने के चलते उन्होंने वाक आउट कर दिया।

करण दलाल का का निलम्बन रद्द

हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायक कर्ण सिंह दलाल का निलम्बन वापिस ले लिया गया। कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र की पहली बैठक में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल से दलाल के निलबंन को गलत बताते हुए इसे वापिस लेने की मांग की। हालांकि सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों से गलत शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति व्यक्त की। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने दलाल का निलंबन वापिस लेने की घोषणा की जिसका कांग्रेस सदस्यों ने स्वागत किया।

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