टाइगर व हिमालियन भालू के इंतजार में बीत गई छुट्टियां

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 सेंट्रल कमेटी से मंजूरी पर अटका मामला

अभी अधिकारियों के पास नहीं कोई सपष्ट जवाब

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सच कहूँ/इंद्रवेश

भिवानी। चौ. सुरेन्द्र सिंह मेमोरियल भिवानी मिनी जू में दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणियों के आने का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हिमालियन भालू और टाइगर आने के इंतजार में ग्रीष्म कालीन अवकाश भी बीत गए और आज से स्कूली बच्चे फिर से पढ़ाई की और लौट जाएंगे।ग्रीष्म कालीन अवकाश से पहले ही मिनी जू प्रशासन के अधिकारियों का दावा था कि हिमालियन भालू और टाइगर के बाड़े आबाद हो जाएंगे और यहां आने वाले दर्शकों को भी इन दोनों ही दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों का दीदार होगा, मगर इंतजार है कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। वन्य प्राणी विभाग के उच्चाधिकारियों की मानें तो इन दोनों ही दुर्लभ वन्य जीवों को यहां लाने के लिए जू सेंट्रल कांउसिंल से बातचीत चल रही हैं, मगर मामला अभी तक अनुमति को लेकर अटका हुआ है।

मिनी जू में संरक्षित हैं ये प्रजातियां

भिवानी मिनी जू में फिलहाल दरियाई घोड़ा, मगरमच्छ, घडियाल, तेंदुआ, काला हीरन, लोमड़ के अलावा कई परिंदों की प्रजातियां यहां संरक्षित की हुई हैं। जबकि मिनी जू में भालू और टाइगर का बाड़ा लम्बे अर्से से सूना पड़ा है। जल में रहने वाले वन्य जीवों के यहां कभी कभार ही दर्शकों को दर्शन होते हैं, क्योंकि गर्मी के कारण ये जीव पानी से पल भर के लिए ही बाहर झांकते हैं और फिर पानी में विलुप्त हो जाते हैं।

डीएफओ बोले, जारी है प्रक्रिया

इस सम्बंध में वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ पवन ग्रोवर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि भिवानी मिनी जू में फिलहाल भालू और टाइगर को लाने की प्रक्रिया चल रही हैं, मगर निश्चित तौर पर अभी ये नहीं कहा जा सकता कि ये दोनों वन्य जीव यहां कब तक आ पाएंगे। सेंट्रल कमेटी से लगातार सम्पर्क किया जा रहा है और इस मामले में वे खुद भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द दोनों वन्य जीव यहां लाए जाएं, ताकि यहां की रौनक बढ़े।

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