नसबंदी करवाने आई महिलाओं को फर्श पर ही लैटाया

Stretch women brought women on the floor

शहर के राजकीय चिकित्सालय में शर्मसार करने वाली घटना हुई

चौमूं। सरकार एक ओर परिवार नियोजन को लेकर अथक प्रयास कर रही है। वहीं शहर के(Stretch women brought women on the floor) राजकीय चिकित्सालय में शर्मसार करने वाली घटना हुई। अस्पताल में नसबंदी करवाने आई महिलाओं को चिकित्सकों ने आॅपरेशन करने के बाद बेड की बजाय फर्श पर ही लेटा दिया। इसका परिजनों ने विरोध भी किया, लेकिन चिकित्सकों ने सुनवाई तक नहीं की। गौरतलब है कि राजकीय चिकित्सा की ओर से हर मंगलवार को नसबंदी शिविर का आयोजन किया जाता है। नसबंदी शिविर में 48 महिलाओं का रजिस्टेशन किया गया। चौमूं और गोविंदगढ़ की चिकित्सा टीम ने मिलकर 47 महिलाओं की नसबंदी की। शिविर में नसबंदी करवाने वाली महिलाओं के लिए बेड की व्यवस्था नहीं की गई और उनको नीचे फर्श पर ही लेटा दिया गया।

परिजनों द्वारा विरोध करने पर भी नहीं हुई सुनवाई

नसबंदी आॅपरेशन करने के बाद जच्चा-बच्चा वार्ड में एक बेड पर तीन महिलाओं को सुला दिया। जब नीचे खाली बेड नहीं थे तो महिलाओं को फर्श पर लिटा दिया। जबकि चिकित्साल की दूसरी मंजिल पर बेड खाली पड़े हुए थे। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने महिलाओं को बेड अलॉट करने की जहमत तक नहीं उठाई।

आपरेशन थियेटर से महिलाओं को जब बार्डवॉय बाहर लाकर फर्श पर लेटा रहा था तो महिलाओं की हालत देखकर उनके परिजनों को गुस्सा आ गया। अस्पताल की अव्यवस्थाओं को देखकर कुछ सास व पति ने इसका विरोध भी किया, लेकिन चिकित्सकों ने उनकी एक ना सुनी। जैतपुरा निवासी मनभरी देवी ने बताया कि राजकीय चिकित्सालय में अपनी बहु की नसबंदी करवाने के लिए आई थी। आपरेशन के बाद महिलाओं के साथ जानवरों की तरह व्यवहार किया गया।

महिलाओं को बेड की जगह फर्श पर लेटा दिया। हाड़ौता निवासी राजकमल सैनी ने बताया,’मैं पत्नी का नसबंदी आपरेशन करवाने के लिए आया था। मुझे पता नहीं था कि सरकारी अस्पताल में आॅपरेशन के बाद फर्श पर लैटाया जाता है। मैं इससे अच्छा निजी अस्पताल में आपरेशन करवा लेता। मोरीजा निवासी प्रेम देवी ने बताया, ‘मैं मेरी बहू की नसबंदी करवाने के लिए आई थी। आपरेशन के बाद उसको जमीन पर लैटा दिया, जैसे किसी मुर्दे को लिटा देते हैं।’

महिलाओं की नसबंदी आॅपरेशन होने के बाद उनको कुछ देर के लिए फर्श पर लैटाया जाता है। आपरेशन के बाद महिलाओं को कोई दिक्कत नहीं होती है तो उसके बाद उनको वार्डों में शिफ्ट किया जाता है। साथ ही चिकित्सालय में नसबंदी करवाने के लिए महिलाओं के रजिस्ट्रेशन 48 के करीब हो गया था। बेडों को लेकर अव्यवस्थाएं चिकित्सालय में फैली है।
मानप्रकाश सैनी, चिकित्सा प्रभारी चौमूं।

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