वरिष्ठ पत्रकार राजकिशोर नहीं रहे

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नयी  ( एजेंसी)

वरिष्ठ पत्रकार एवं सुप्रसिद्ध लेखक राजकिशोर का सोमवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे।
उनके परिवार उनकी पत्नी के अलावा उनकी पुत्री है। पिछले दिनों उनके पत्रकार पुत्र का निधन हो गया था जिसके कारण उन्हे गहरा सदमा लगा था।
श्री राजकिशोर को सीने में संक्रमण होने के कारण निमोनिया हो गया था और उन्हें करीब तीन सप्ताह पूर्वे एम्स के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था जहां आज सुबह साढ़े नौ बजे करीब अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर तीन बजे निगम बोध घाट के विद्युत शवदाह गृह में किया जाएगा।

02 जनवरी 1947 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जन्मे श्री राजकिशोर की पढ़ाई-लिखाई कोलकाता विश्वविद्यालय में हुई और उन्होंने 80 के दशक में कोलकाता से शुरू चर्चित साप्ताहिक पत्र ‘रविवार’ से अपनी पत्रकारिता की शुरुआत की। उसके बाद वह कुछ समय तक उन्होंने वहीं से प्रकाशित परिवर्तन नामक पत्रिका में भी काम किया।

उसके बाद उन्होंने नयी दिल्ली से प्रकाशित ‘नवभारत टाइम्स’ में सहायक संपादक के रूप में काम करना शुरू किया और उन्होंने पत्रकारिता में अपनी विशिष्ट पहचान बनायी।
उन्होंने ‘दूसरा शनिवार’ मैगनीज का संपादन किया था। वह कई अखबारों में समसामयिक विषयों स्तम्भ भी लिखते रहे।
उनकी प्रमुख कृतियों में दो उपन्यास ‘सुनंदा की डायरी’ और ‘दूसरा सुख’ प्रमुख है।

उनका कविता संग्रह ‘पाप के दिन’ और व्यंग्य संग्रह ‘राजा का बाजा’ भी काफी लोकप्रिय था। उनको लोहिया पुरस्कार और बिहार राष्ट्रभाषा परिषद के राजेंद्र माथुर स्मृति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

 

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