को-ऑपरेटिव सोसायटी की बंद पड़ी काटन फैक्ट्री में सुरक्षाकर्मी के पुत्र ने किया आत्मदाह

रात को फैक्ट्री के एक स्ट्रक्चर के बेसमेंट में लकड़ियों पर तेल डाल कर खुद को कर दिया आग के हवाले

श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। स्थानीय पुरानी आबादी में लेबर कोर्ट के समीप वर्षों से बंद पड़ी दी गंगानगर को-आॅपरेटिव कॉटन एंड जिनिंग फैक्ट्री में आज बड़े तड़के एक युवक ने अपने ऊपर तेल छिड़ककर आग लगा ली। उसकी घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। मृतक युवक राजकुमार शाक्य (23) इसी फैक्ट्री के गार्ड देशराज का बेटा था। उसकी शादी को एक वर्ष भी नहीं हुआ। उसकी पत्नी ने एक महीने पहले ही बच्चे को जन्म दिया है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। देशराज द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर मर्ग दर्ज की गई। पोस्टमार्टम करवाने के बाद राजकुमार की लाश अंतिम संस्कार के लिए परिवार जनों के सुपुर्द कर दी गई। दोपहर को उसका गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। राजकुमार टेलरिंग का काम करता था।

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प्राप्त जानकारी के मुताबिक आज सुबह लगभग 5 बजे पुरानी आबादी थाना पुलिस को अभय कमांड सेंटर से सूचना मिली की लेबर कोर्ट के समीप कॉटन एंड जिनिंग फैक्ट्री में एक लाश जल रही है।थाने से रात्रि कालीन प्रभारी एएसआई बेअंतसिंह तत्काल ही घटनास्थल पर पहुंचे। फैक्ट्री के मेन गेट से अंदर सामने की तरफ गार्ड के क्वार्टर से दक्षिण दिशा में लगभग 100 मीटर की दूरी पर दीवार के पीछे फैक्ट्री के एक पुराने स्ट्रक्चर के बेसमेंट में आग में लाश जल रही थी। पुलिसकर्मियों ने पानी डालकर आग को बुझाया। घटना की सूचना तत्काल ही उच्च पुलिस अधिकारियों को दी गई।

मौके पर पुरानी आबादी थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर सुजीत भी कुछ ही देर में पहुंच गए। घटनास्थल का गहनता से निरीक्षण किया गया। वह प्लास्टिक की एक बोतल मिली जिसमें ज्वलनशील पदार्थ की बदबू आ रही थी। मौके की कार्रवाई के बाद लगभग पूरी तरह से जल चुकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल के मुर्दाघर को भिजवा दिया गया। इस बीच पुलिस ने परिवारजनों से पूछताछ शुरू कर दी। मृतक का मोबाइल फोन पुलिस ने अपने कब्जे में कर लिया उसके कमरे में एक सुसाइड नोट भी मिला।

पुलिस के मुताबिक बाद में देशराज ने रिपोर्ट देते हुए बताया कि वह लगभग 15 वर्षों से श्रीगंगानगर में रह रहा है। उसके तीन बेटे राजकुमार, अर्जुन और गोविंद हैं। राजकुमार सबसे बड़ा था जो टेलरिंग का काम करता था। देशराज ने बताया कि उसके परिवार ने ईसाई धर्म अपना रखा है। बड़ा बेटा राजकुमार अक्सर बाइबिल पढ़ता रहता था। कल रात भी वह अपने देर तक बाइबिल पढता रहा। सुबह उसके मंझले बेटे अर्जुन ने जगाया और बताया कि घर के सामने की दीवार के पीछे आग जल रही है। आग में किसी की लाश जल रही है, जिसका बाद में ज्ञान हुआ कि यह लाश उसके बेटे राजकुमार की ही है। राजकुमार ने रात को किसी समय फैक्ट्री के इस स्ट्रक्चर के बेसमेंट में लकड़ियां इकट्ठी कर तथा तेल डालकर आत्महत्या कर ली।

छोटे भाई ने सबसे पहले देखा

मिली जानकारी के मुताबिक राजकुमार का छोटा भाई अर्जुन (21) सुबह करीब 4:30 बजे शौचादि से निवृत होने के लिए उठा। वह कमरे से बाहर आया और शौच करने जाने लगा तो उसे घर के सामने लगभग 100 मीटर की दूरी पर दीवार के पीछे रोशनी दिखाई दी। दीवार में से एक छोटा रास्ता फैक्ट्री की तरफ जाने का है। वहां जाकर देखा तो आग एक लाश चल रही है। वह भागकर फैक्ट्री के मेन गेट के साथ गार्ड रूम में गया, जहां उसके पिता देशराज सो रहे थे। उनको जगाया और फैक्ट्री के अंदर किसी की लाश जलने के बारे में बताया। तत्पश्चात पिता-पुत्र ने गार्ड रूम के साथ आॅफिस के कमरे में सो रहे कर्मचारी शेखावत को जगाया। उसे फैक्ट्री में एक जगह आग लगे होने की जानकारी दी।

कर्मचारी शेखावत को लगा कि ऐसे ही कहीं घास-फूस और लकड़ियों में आग लग गई होगी लेकिन जब पिता-पुत्र ने बताया कि आग में एक लाश जल रही है तो कर्मचारी के एक बार तो होश उड़ गए। उसने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया और पुलिस के आने तक घटनास्थल की तरफ किसी को नहीं जाने दिया। पुलिस के आने के लगभग एक घंटे बाद पता चला कि मृतक राजकुमार है। बाद में सोसाइटी के उच्च अधिकारी तथा कई कर्मचारी भी घटनास्थल पर आ गए।

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